उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है राजस्थान सरकार : मुख्यमंत्री शर्मा

उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है राजस्थान सरकार : मुख्यमंत्री शर्मा

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  • Publish Date - August 29, 2025 / 11:45 PM IST,
    Updated On - August 29, 2025 / 11:45 PM IST

जयपुर, 29 अगस्त (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए ‘शुल्कों’ के मद्देनजर उद्यमियों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक बाजार तलाशने का प्रयास करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है।

शर्मा ने शुक्रवार को रत्न-आभूषण, वस्त्र, चमड़ा एवं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े उद्यमियों और व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार एवं उद्योग जगत राजस्थान की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है। राजस्थान के रत्न-आभूषण, वस्त्र, हस्तशिल्प, चमड़े का सामान और अन्य उत्पाद विदेशों में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार शर्मा ने कहा कि हाल ही में अमेरिका की तरफ से भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) से प्रदेश का व्यापार और उद्योग भी प्रभावित हुआ है। इस चुनौती को अवसर में बदलना है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति से निपटने के लिए उद्यमी एवं व्यापारी अपने उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक बाजार तलाशने का प्रयास करें। साथ ही, देश के अन्य राज्यों के घरेलू बाजारों में भी नए ग्राहकों को जोड़े।

शर्मा ने कहा कि उद्यमी राज्य सरकार को अपने अनुभव के आधार पर सुझाव दें कि किन बिंदुओं पर केन्द्र सरकार से सहयोग हेतु अनुरोध किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नवीन नीतियों के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए सतत रूप से कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार वर्तमान परिस्थितियों में पूरी तरह उद्यमियों के साथ है। उनके निर्यात को बढ़ाने में हम हरसंभव सहयोग करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार उद्यमियों और व्यापारियों के समक्ष आयी समस्याओं को दूर करने के लिए गंभीरता से कार्यरत है।

केन्द्र सरकार के प्रयासों से भारत ने ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन इत्यादि देशों के साथ कई महत्वपूर्ण व्यापार समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से भारतीय निर्यातकों के लिए नए बाजार खुल रहे हैं।

भाषा

पृथ्वी, रवि कांत रवि कांत