मुस्लिम आरक्षण विधेयक: राज्यपाल गहलोत ने अपने फैसले पर पुनर्विचार से किया इनकार

मुस्लिम आरक्षण विधेयक: राज्यपाल गहलोत ने अपने फैसले पर पुनर्विचार से किया इनकार

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  • Publish Date - May 28, 2025 / 08:34 PM IST,
    Updated On - May 28, 2025 / 08:34 PM IST

बेंगलुरु, 28 मई (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 को भारत के राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजे जाने संबंधी अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया।

विधेयक में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान है।

राज्यपाल ने 16 अप्रैल को विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए सुरक्षित रख लिया था।

कर्नाटक सरकार ने हाल में विधेयक पर गहलोत की मंजूरी लेने का पुनः प्रयास किया, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।

आदेश में कहा गया, ‘‘राज्य सरकार ने केटीपीपी (संशोधन) विधेयक, 2025 को उच्चतम न्यायालय में ‘‘तमिलनाडु सरकार बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल’’ के मामले में 1239/2023 का संदर्भ देते हुए मेरी सहमति प्राप्त करने के लिए पुनः प्रस्तुत किया है।’’

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा विधेयकों को रोके जाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का हवाला दिया है।

गहलोत ने हाल के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया है कि अनुच्छेद 15 और 16 धर्म के आधार पर आरक्षण पर रोक लगाते हैं और कोई भी सकारात्मक कार्यवाही सामाजिक-आर्थिक कारकों पर आधारित होनी चाहिए।

आदेश में कहा गया है, ‘‘मैं कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित करने के निर्णय पर पुनर्विचार न करने के लिए बाध्य हूं। पंद्रह अप्रैल, 2025 को पूर्व में दिए गए निर्देशानुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकारी फाइल वापस की जाये।’’

भाषा

देवेंद्र सुरेश

सुरेश