Rajasthan political crisis : अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है। वहां पर जमकर राजनीति हो रही है। आज रविवार को सीएम अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। बैठक से पहले कई विधायक गहलोत के खास मंत्री कहे जाने वाले शांति धारीवाल के आवास पर पहुंचे और सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।
वहीं इस बैठक से पहले गहलोत ने कहा, ‘मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं। अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता, लेकिन बिना किसी पद के भी शांतिपूर्ण माहौल के साथ काम करूंगा।’ बता दें विधायक दल की बैठक ऐसे समय में हो रही है जबकि मुख्यडमंत्री गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले महीने होने वाले चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राज्य में मुख्योमंत्री बदला जा सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक बैठक में सभी विधायकों की इस मुद्दे पर सहमति बनी है कि जिन विधायकों ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए काम किया अगर उनमें से किसी को मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन बग़ावत करने वाले विधायकों को सीएम बनाया गया तो ये स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन विधायकों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। बताया जा रहा है कि शांति धारीवाल के घर पर करीब 70 विधायक मौजूद हैं और वह सीएम आवास के लिए रवाना नहीं हुए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि सीएण गहलोत मेरियट होटल में मौजूद हैं।
एक सप्ताह के भीतर विधायक दल की यह दूसरी बैठक है। पिछली बैठक 20 सितंबर को हुई थी जब गहलोत ने अपने निवास पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करने के बाद, विधायकों को रुकने के लिए कहा था।
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राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की थी और उस समय कई और विधायक भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं,लेकिन जोशी का नाम भी चर्चा में है। जोशी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं और 2008 में इस पद के दावेदार थे, लेकिन उस समय वो एक वोट से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
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