Rakesh Kishore Advocate: ‘ना अफ़सोस है, न माफी मांगूंगा, सब परमात्मा की इच्छा से हुआ’.. CJI गवई पर जूता उछालने के आरोपी वकील ने क्या कहा सुनें..

यह घटना सीजेआई बीआर गवई की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विवाद छिड़ गया था।

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 12:20 PM IST,
    Updated On - October 7, 2025 / 12:21 PM IST

Rakesh Kishore Advocate || Image- ANI FILE

HIGHLIGHTS
  • राकेश किशोर बोले- ये परमात्मा की इच्छा थी
  • सीजेआई गवई ने किया माफ, बार काउंसिल ने निलंबित
  • पीएम मोदी बोले- घटना निंदनीय, हर भारतीय आहत

Rakesh Kishore Advocate Video: नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई पर कोर्टरूम में सुनवाई के दौरान जूता उछालने के आरोपी वकील राकेश किशोर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि, उन्हें इस घटना का कोई अफ़सोस नहीं है। वह इसके लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे।

‘अदालतों में लाखों-करोड़ो मामले पेंडिंग’

राकेश किशोर कहा कि, यह उन्होंने नहीं किया बल्कि यह परमात्मा की इच्छा से हुआ है। अब वह चाहे उन्हें इसकी जो भी सजा दें। वह अब जेल जाये या उन्हें फांसी हो। राकेश किशोर ने कहा कि, वह 72 साल के हो चुके है और आखिर वह कब तक इस तरह की घटनाएं झेलेंगे? राकेश किशोर ने कहा कि न्यायधीशों को अपनी संवेदनशीलता बढ़ानी चाहिए। उन्होने सवाल पूछते हुए कहा कि, अदालतों में लाखों-करोड़ो केस पड़े हुए है। पेंडिंग है और क्यों पड़े हुए है?

क्या था घटनाक्रम?

गौरतलब है कि, सोमवार को नई दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायलय के कोर्टरूम में एक हैरान करने वाला घटनाक्रम देखने को मिला। सुनवाई के दौरान एक सत्तर साल के वकील राकेश किशोर ने सीजेआई की तरफ अपना जूता उछाल दिया और सनातन से जुड़े नारेबाजी की। हालांकि इस घटना के फ़ौरन बाद वहां मौजूद दूसरे वकीलों ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “वह अपने साथ एक कागज भी लाया था जिसमें उसने लिखा था ‘सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’।” मामले की शुरुआती जांच और पूछताछ दिल्ली के दो डीसीपी स्तर के अधिकारी कर रहे है।

सीजेआई ने किया आरोपी को माफ़, प्रैक्टिस से निलंबित

हालांकि इसके बाद चीफ जस्टिस बीआर गवई ने दरियादिली दिखाई और सीजेआई गवई कहने पर पुलिस ने आरोपी वकील को करीब तीन घंटे की पूछताछ के बाद रिहा कर दिया। आरोपी के जूते और सामन भी उसे वापस लौटा दिए गये है। उनके खिलाफ कोई चार्ज भी नहीं लगाया जाएगा। हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आरोपी वकील राकेश किशोर को प्रैक्टिस से निलंबित कर दिया है। इसका विधिवत आदेश भी जारी कर दिया गया है।

‘विचलित न हो कोई’ : सीजेआई गवई

Rakesh Kishore Advocate Video: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देते हुए कहा कि ऐसी बातों से उन पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने अदालत से सुनवाई जारी रखने का अनुरोध किया। उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा, “इन सब बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।”

पीएम मोदी ने की घटना की निंदा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई से बात कर वकील द्वारा उन पर जूता फेंकने के प्रयास की निंदा की और कहा कि इस हमले से हर भारतीय नाराज है। उन्होंने कहा, “हमारे समाज में इस तरह के निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।” उन्होंने घटना के बाद शांति बनाए रखने के लिए गवई की प्रशंसा की।

पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर गवई जी से बात की। आज सुबह उच्चतम न्यायालय परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है। हमारे समाज में ऐसे भर्त्सनायोग्य कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह पूरी तरह से निंदनीय है।” उन्होंने कहा, “मैं ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की सराहना करता हूं। यह हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने तथा न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

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Q1: राकेश किशोर ने कोर्ट में जूता क्यों फेंका?

A1: CJI की खजुराहो मूर्ति टिप्पणी से नाराज होकर उन्होंने “सनातन धर्म अपमान” का नारा लगाते हमला किया।

Q2: क्या राकेश किशोर ने माफ़ी मांगी है?

A2: नहीं, ANI से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस नहीं है, और माफ़ी नहीं मांगेंगे।

Q3: सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?

A3: CJI गवई ने माफ किया, लेकिन BCI ने निलंबित किया; पीएम मोदी ने घटना की निंदा की।