नई दिल्ली। नक्सलियों ने अब ऐसे खतरनाक और अलग तरह के तीर तैयार किए हैं, जो सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने से रोकते हैं। नक्सली अब ऐसे ही तीरों का इस्तेमाल कर उन्हें कार्रवाई से रोक रहे हैं। इससे उन्हें प्राणघातक नुकसान तो नहीं होता लेकिन उन्हें रुक जाना पड़ता है।
ये तीर कुछ उसी तरह है जिस तरह हॉलीवुड फिल्म ‘रैम्बो’ में सिल्वेस्टर स्टैलॉन ने इस्तेमाल किए थे। नक्सली पहले पारंपरिक तीर-धनुष इस्तेमाल में लाते थे, अब उसी तीर में थोड़ा बदलाव करते हुए उन्होंने इन तीरों की नोंक पर छोटे-छोटे विस्फोटक जोड़ दिए हैं। जब इन तीरों को छोड़ा जाता है तो टारगेट से टकराते हुए ये आग और काफी धुआं पैदा करते हैं, जिससे सुरक्षा बलों को डराते हुए रोका जा सकता है।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन तीरों में कम स्तर गनपाउडर या पटाखों के पाउडर होते हैं, जो टारगेट से टकराने के बाद फट जाते हैं। इससे बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होता लेकिन सुरक्षा बलों को थम जाना पड़ता है, जिसका फायदा उठाकर नक्सली प्राणघातक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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इस रिपोर्ट के मुताबिक माओवादी अब उच्च स्तर के विस्फोटक की बजाय ज्यादा से ज्यादा इस रैम्बो तीर वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले वर्ष 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में किए गए घातक हमले में नक्सलियों ने इसी तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे और उनके हथियार लूट लिए गए थे।
इसके अलावा गृह मंत्रालय की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नक्सलियों ने जानवरों के मल के भीतर क्रूड बम छिपाए जाने का भी तरीका शुरु किया है। इससे सुरक्षा बलों के स्निफर डॉग इनकी पहचान कर चेतावनी नहीं दे पाते।
वेब डेस्क, IBC24