नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी सहयोगी वी के शशिकला ने 2016 में नोटबंदी के दौरान एक चीनी कारखाना खरीदने के लिए कथित तौर पर 450 करोड़ रुपये के पुराने नोट दिए थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी में इसका उल्लेख किया गया है।
सीबीआई ने मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश पर पद्मादेवी शुगर्स लिमिटेड (पीएसएल) के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को कथित तौर पर 120 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। इस खाते को 2020 में धोखाधड़ी में प्रयुक्त घोषित किया गया था।
प्राथमिकी में शशिकला का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है।
प्राथमिकी के मुताबिक पीएसएल (जिसे पहले एसवी शुगर मिल्स के नाम से जाना जाता था) की चीनी मिल को बैंक ने गिरवी के तौर पर लिया था। इसे आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम के तहत जब्त कर लिया था।
आरोप है कि 2017 में शशिकला के खिलाफ एक मामले के सिलसिले में आयकर विभाग की तलाशी में दस्तावेज जब्त किए गए थे।
दस्तावेजों के मुताबिक बैंक ने सीबीआई को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि ‘‘नोटबंदी के दौरान, पटेल समूह की एक चीनी मिल की खरीद के लिए 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।’’ यह शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है।
जयललिता का पांच दिसंबर 2016 को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।
आईओबी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि पीएसएल के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करने वाले और प्रभात समूह के प्रभारी हितेश शिवगण पटेल ने शपथ पत्र पर कहा था कि उन्हें कांचीपुरम स्थित चीनी कारखाने की बिक्री के लिए पुराने नोटों में कुल 450 करोड़ रुपये मिले थे।
भाषा
धीरज अविनाश
अविनाश