नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्विगी और जेप्टो जैसे ‘फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म’ से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें दावा किया गया है कि उनके ऐप दृष्टिबाधित लोगों के उपयोग के अनुकूल नहीं हैं।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘मिशन एक्सेसिबिलिटी’ की याचिका पर स्विगी तथा जेप्टो और केंद्र को नोटिस जारी किये।
उन्हें चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि कानूनी आदेश के बावजूद, स्विगी और जेप्टो के ऐप ‘स्क्रीन-रीडर सॉफ्टवेयर’ के अनुकूल नहीं थे, जिससे दृष्टिबाधित लोगों के लिए उत्पादों की खोज करना या ऑर्डर देना मुश्किल हो गया।
‘स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर’ एक ऐसा प्रोग्राम है जो दृष्टिबाधित या कम दृष्टि वाले लोगों को कंप्यूटर का इस्तेमाल करने में मदद करता है।
एनजीओ के प्रतिनिधि अमर जैन द्वारा प्रस्तुत कानून में 2019 तक सुगम्यता मानकों का अनुपालन अनिवार्य किया गया है।
एनजीओ की याचिका में कहा गया है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम और इसके नियमों के तहत प्लेटफॉर्म को सुगम्यता संबंधी विशेषताओं को अपनाना अनिवार्य है और इन मानकों को लागू करने में प्राधिकारियों की निष्क्रियता से समस्या और गंभीर हो गई है।
याचिका में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म दिव्यांग व्यक्तियों को खाद्य पदार्थ पहुंचाने, किराने की खरीदारी और रेस्तरां आरक्षण जैसी आवश्यक सेवाओं तक समान पहुंच से वंचित करके उनकी गरिमा का उल्लंघन करते हैं।
मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
भाषा
देवेंद्र सुरेश
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