मतदाताओं के सबक सिखाने के बावजूद शिवसेना (उबाठा) हार स्वीकार करने को तैयार नहीं: शिरसाट

मतदाताओं के सबक सिखाने के बावजूद शिवसेना (उबाठा) हार स्वीकार करने को तैयार नहीं: शिरसाट

  •  
  • Publish Date - December 22, 2025 / 02:54 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 02:54 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 22 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने सोमवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) मतदाताओं द्वारा सबक सिखाए जाने के बावजूद स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

रविवार को घोषित परिणामों में, भाजपा, शिवसेना और राकांपा के महायुति गठबंधन ने 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में शानदार जीत हासिल की तथा स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के 207 पदों पर कब्जा जमाया। विपक्षी महा विकास अघाडी को कुल मिलाकर केवल 44 सीट ही मिलीं।

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगर निकाय अध्यक्षों के 117 पदों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 53 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 37 पदों पर जीत मिली। कांग्रेस को 28, राकांपा (एसपी) को सात और शिवसेना (उबाठा) ने नौ पदों पर जीत दर्ज की।

शिरसाट ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘शिवसेना (उबाठा) अपनी हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मतदाताओं ने उन्हें उनके पूर्व के कृत्यों का सबक सिखा दिया है। लोग और हम अब उस पार्टी को गंभीरता से नहीं लेते। उनके पास यहाँ से वापसी करने का कोई मौका नहीं है।’’

उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए, शिरसाट ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) के ‘‘मुखिया’’ अब राज्यसभा सदस्य संजय राउत हैं।

शिवसेना उबाठा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन वार्ता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पहले वे राज ठाकरे के खिलाफ बोलते थे और अब राउत उनके घर जा रहे हैं। संजय राउत अब शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख हैं।’’

हालांकि, शिरसाट ने कहा कि राज ठाकरे का राजनीति में एक कद है और वह राउत को गंभीरता से नहीं लेंगे।

छत्रपति संभाजीनगर में नगर निकाय चुनावों के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर, शिरसाट ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी शहर और जिले में ‘‘मजबूत स्थिति’’ होने के बावजूद सीटों का अधिक हिस्सा नहीं मांग रही है।

शिरसाट ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आकर गठबंधन बनाना चाहिए। मैंने इसके लिए पहल की है और हमें आज ही अंतिम परिणाम मिलने की उम्मीद है।’’

भाषा

नेत्रपाल मनीषा

मनीषा