SIR Rules, image source: X post
SIR Rules: देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चल रही है। उत्तर प्रदेश में यह अभियान 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। सभी जिलों में अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं, ताकि काम सही ढंग से पूरा हो सके।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी मतदाता दो अलग-अलग जगहों से SIR फॉर्म न भरे। यदि कोई व्यक्ति दो क्षेत्रों से फॉर्म जमा करता है, तो यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत अपराध माना जाएगा। इस स्थिति में दोषी व्यक्ति को एक साल तक की जेल, या जुर्माना, या दोनों सजाएं हो सकती हैं। दो जगह नाम है? तय करें कहाँ वोटर बने रहना है।
यदि किसी मतदाता का नाम गांव और शहर दोनों जगह दर्ज है, तो उसे यह चुनना होगा कि वह किस स्थान का मतदाता बने रहना चाहता है। उसी पते से फॉर्म जमा करना अनिवार्य होगा। नए शहर में रहने वाले लोग वर्तमान पते के आधार पर ही SIR फॉर्म भरें।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अब डिजिटल सिस्टम इतना मजबूत है कि किसी भी मतदाता की दोहरी प्रविष्टि तुरंत पकड़ में आ जाएगी। इसलिए फॉर्म भरने से पहले यह तय करना जरूरी है कि आपका आवेदन केवल एक ही जगह से जमा हो। SIR प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य यह है कि किसी भी व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज न रहे। मतदाता सूची पूरी तरह अपडेट और सटीक रखी जाए।
SIR का दूसरा चरण इन 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, पुडुचेरी। कुल 321 जिलों और 1843 विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया एक साथ चल रही है।
4 नवंबर – 4 दिसंबर 2025 : SIR प्रक्रिया
9 दिसंबर 2025 – 8 जनवरी 2026 : आपत्तियाँ और दावे
31 जनवरी 2026 : सत्यापन पूरा
7 फरवरी 2026 : अंतिम मतदाता सूची जारी