कश्मीर में एसपीओ और उसके परिवार की हत्या, नेताओं ने घटना की निंदा की

कश्मीर में एसपीओ और उसके परिवार की हत्या, नेताओं ने घटना की निंदा की

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  • Publish Date - June 28, 2021 / 11:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

श्रीनगर, 28 जून (भाषा) जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और उसके परिवार की नृशंस हत्या से जम्मू कश्मीर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है तथा राजनीतिक दलों ने इस घटना को एक “क्रूर और कायराना” हरकत और घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर धब्बा करार दिया है।

अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि फैयाज अहमद, उसकी पत्नी रजा बेगम और 22 साल की बेटी राफिया, दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा इलाके में स्थित अपने घर में थे, जब आतंकवादियों ने रविवार रात 11 बजे अंदर घुसकर उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दी। यह गांव श्रीनगर से 50 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

अहमद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत अवस्था में लाया गया घोषित कर दिया गया। एसपीओ की पत्नी ने रात में दम तोड़ दिया जबकि सोमवार सुबह उनकी बेटी की भी मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों की तलाश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि एक विदेशी समेत जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी इस वारदात में शामिल थे। कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “इस क्षेत्र में आतंकवादियों की गतिविधियां देखी गई हैं। कल रात दो आतंकवादी आए थे, जिनमें से एक हुलिए से विदेशी आतंकी लगता है।”

हाल ही में आतंकवादियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं। पिछले सप्ताह श्रीनगर के नौगाम और ईदगाह इलाकों में एक निरीक्षक तथा एक कांस्टेबल की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा शहर के बर्बरशाह इलाके में ग्रेनेड से हुए हमले में एक नागरिक की मौत हो गई थी।

नेताओं ने एसपीओ और उसके परिवार पर हुए हमले की निंदा की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और उनकी छोटी बेटी पर कल रात घर पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि वे जन्नत में अपना स्थान प्राप्त करें और उनके परिजन को दुख की इस घड़ी में ताकत मिले।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने घटना को कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर ‘धब्बा’ बताया। नेकां ने ट्वीट किया, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस विशेष पुलिस अधिकारी, उनकी पत्नी और 23 वर्षीय बेटी की बर्बर हत्याओं की पुरजोर निंदा करती है। यह कायरतापूर्ण, अमानवीय कृत्य है और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर धब्बा है।’’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘अवंतीपुरा में कायरतापूर्ण हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द काफी नहीं हैं, जहां जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की जान चली गई। ऊपर वाला उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिजन को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि निहत्थे नागरिकों की हत्या को किसी भी तरह से जायज नहीं करार दिया जा सकता। तारिगामी ने कहा, ‘‘महिलाओं, बेकसूर लोगों की हत्याएं अत्यंत निंदनीय हैं और सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। हर किसी को इस घटना की निंदा करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि कश्मीर में तीन दशक से हिंसा का कुचक्र जारी है ‘‘लेकिन अब तक क्या हासिल हुआ है?’’ तारिगामी ने कहा, ‘‘यह किसके हित में है? लगातार हो रही हिंसा पर विचार करने की आवश्यकता है। समाज को सामने आना चाहिए और हिंसा के ऐसे क्रूर कृत्यों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।’’

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्म्द अल्ताफ बुखारी ने भी इस हत्याकांड को अमानवीय करार दिया। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि हत्या की खबरें अत्यंत दुखद हैं और हिंसा के गुनहगारों को किसी की परवाह नहीं है। लोन ने ट्वीट किया, ‘‘सुबह उठते ही दुखद खबर मिली। पूरे परिवार को गोलियों से भून दिया गया। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। परिवार को दुख सहन करने की ताकत मिले।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे कायरतापूर्ण और बर्बर हमला बताते हुए कहा कि किसी पुलिसकर्मी के घर में घुसना और उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करना आतंकवादी कृत्य है।

भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जिन्होंने यह हरकत की, वे कड़ी निंदा के पात्र हैं और जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उनका भी यही हश्र होगा। पुलिसकर्मी की बेगुनाह पत्नी और बेटी का क्या कसूर था? महिलाओं की हत्या करना कोई बहादुरी का काम नहीं, बल्कि यह कायराना हरकत है, जिसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।’’

भाषा यश दिलीप

दिलीप