SC Verdict on Bengal Teachers: 25,753 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द! सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को माना सही, कहा- 3 महीने में पूरी करें नई भर्ती

25,753 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द! सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को माना सही, Supreme Court also cancelled the West Bengal teacher recruitment After the High Court

  •  
  • Publish Date - April 3, 2025 / 11:59 AM IST,
    Updated On - April 3, 2025 / 12:15 PM IST

SC Verdict on Bengal Teachers

HIGHLIGHTS
  • उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के 25,753 कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की।
  • न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन महीने में नई चयन प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।
  • इस भर्ती में घूस लेने के आरोपों के कारण CBI जांच चल रही है।

नई दिल्ली: Supreme Court Verdict on Bengal Teachers उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को बृहस्पतिवार को अमान्य करार देते हुए उनकी चयन प्रक्रिया को ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ करार दिया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को बरकरार रखा।

Read More : Wife Committed suicide: नवरात्रि में आया पीरियड तो महिला ने कर ली खुदकुशी, पति ने खोले सनसनीखेज राज, जानकर रह जाएंगे हैरान

Supreme Court Verdict on Bengal Teachers फैसला सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं, उन्हें अपना वेतन और अन्य भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करने और इसे तीन महीने के भीतर पूरा करने का भी आदेश दिया। हालांकि, न्यायालय ने दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर छूट देते हुए कहा कि वे नौकरी में बने रहेंगे। पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच संबंधी उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए चार अप्रैल की तारीख तय की। शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Read More : Dewas News: एक साथ जलीं 18 चिताएं, अंतिम संस्कार के समय नम हो गई हर किसी की आंखें, पटाखा फैक्टी ब्लास्ट में गई थी सभी की जान

अब जानिए क्या है पूरा मामला

पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती की थी। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अर्पिता पेशे से मॉडल थीं।

30 सितंबर को ​​​​​​मामले में पहली CBI चार्जशीट दाखिल हुई थी

CBI ने पिछले साल 30 सितंबर, 2024 को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तब ED की गिरफ्त में थे। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। TMC विधायक और स्टेट प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्‌टाचार्य को ED ने 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।

पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय ने क्यों अमान्य करार दिया?

उच्चतम न्यायालय ने इन नियुक्तियों को त्रुटिपूर्ण और अवैध करार दिया। चयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं, जिसके कारण इन नियुक्तियों को रद्द किया गया।

क्या 25,753 शिक्षकों को वेतन वापस करने का आदेश दिया गया है?

नहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने इन कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते वापस करने का आदेश नहीं दिया। हालांकि, उन्हें अपनी नियुक्ति रद्द होने के बाद नए सिरे से चयन प्रक्रिया का हिस्सा बनना होगा।

क्या दिव्यांग कर्मचारियों को इससे कोई राहत मिली है?

हां, न्यायालय ने दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर छूट दी है और उन्हें नौकरी में बने रहने की अनुमति दी है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई की जांच के खिलाफ क्या कदम उठाए थे?

राज्य सरकार ने सीबीआई की जांच के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को सुनवाई के लिए रखा है।

क्या इस भर्ती में घूस देने के आरोप थे?

हां, इस भर्ती में घूस देने के आरोप लगाए गए थे। आरोप था कि 5 से 15 लाख रुपये तक की घूस ली गई थी। इसके बाद, CBI ने जांच शुरू की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था।