न्यायालय ने एसआईटी को लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की जांच से मुक्त किया

न्यायालय ने एसआईटी को लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की जांच से मुक्त किया

न्यायालय ने एसआईटी को लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की जांच से मुक्त किया
Modified Date: September 18, 2023 / 01:26 pm IST
Published Date: September 18, 2023 1:26 pm IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की तफ्तीश कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) को सोमवार को घटना की जांच से मुक्त कर दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और निचली अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है।

यह मामला तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा की घटना से जुड़ा है, जिसमें लखीमपुर-खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

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न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि अगर एसआईटी के पुनर्गठन की जरूरत महसूस होती है, तो इस संबंध में उचित आदेश पारित किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी की जांच की दैनिक आधार पर निगरानी करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारी-एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान इस एसआईटी का हिस्सा थे।

सर्वोच्च अदालत ने गत 11 जुलाई को मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत की अवधि 26 सितंबर तक बढ़ा दी थी। आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा है।

तिकुनिया में हिंसा उस समय भड़क गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। चार किसानों को एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) से रौंद दिया गया था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।

भाषा पारुल नरेश

नरेश


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