तमिलनाडु सरकार के निवारक उपायों ने जीका, निपाह वायरस को राज्य से दूर रखा : एम सुब्रमण्यन

तमिलनाडु सरकार के निवारक उपायों ने जीका, निपाह वायरस को राज्य से दूर रखा : एम सुब्रमण्यन

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  • Publish Date - September 19, 2021 / 05:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

कोयंबटूर, 19 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यन ने रविवार को कहा कि सरकार के कड़े एहतियाती कदमों के कारण ही जीका और निपाह जैसे घातक जानलेवा वायरस पड़ोसी केरल से राज्य में प्रवेश नहीं कर पाए हैं।

सुब्रमण्यन ने कहा कि केरल में निपाह वायरस के कारण एक बालक की मौत होने के बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के आदेश पर केरल की सीमा से सटे कोयंबटूर जिले में 13 जांच चौकियां बनाई गयी हैं और सरकार लगातार इनके जरिए निगरानी कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार द्वारा केरल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच चौकी स्थापित करने जैसे कड़े निवारक उपाय किए जाने की वजह से यह सुनिश्चित हो सका कि निपाह और जीका वायरस राज्य में प्रवेश नहीं कर सके।’

केरल से तमिलनाडु में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होता है और साथ ही टीकाकरण का प्रमाण-पत्र भी दिखाना होता है। ऐसा नहीं करने वाले लोगों को वापस भेज दिया जाता है। मंत्री ने कहा कि कड़े प्रतिबंधों के बावजूद केरल में कोविड-19 के प्रतिदिन 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।

सुब्रमण्यन ने पास के पोलाची में एक सरकारी अस्पताल में एक बड़े टीकाकरण शिविर का उद्घाटन किया और दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की भी शुरुआत की।

राज्य में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका से इनकार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली लहर के दौरान हुईं परेशानियों को देखते हुए दूसरी और तीसरी लहर को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाए हैं।

मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में रविवार को कोविड टीकाकरण के लिए 20 हजार शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें 15 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जाएगा।

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

नेत्रपाल