पश्चिम बंगाल में बीएलओ के विरोध प्रदर्शन के बीच सीईओ कार्यालय के बाहर तनाव

पश्चिम बंगाल में बीएलओ के विरोध प्रदर्शन के बीच सीईओ कार्यालय के बाहर तनाव

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  • Publish Date - December 1, 2025 / 03:15 PM IST,
    Updated On - December 1, 2025 / 03:15 PM IST

कोलकाता, एक दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के बाहर सोमवार को उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन किया, नारे लगाए और पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। यह ठीक उसी समय हुआ, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी और कई विधायक निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ निर्धारित बैठक के लिए वहां पहुंचे।

समिति के सदस्य बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के लिए बेहतर कार्य स्थितियों की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से सीईओ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दोपहर को अपना आंदोलन तेज कर दिया।

पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी के दौरे से पहले इलाके की घेराबंदी कर दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और भाजपा प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाते हुए “वापस जाओ” के नारे लगाए।

समूह के धरने को लेकर अधिकारियों ने पहले कहा था कि इसमें वास्तविक बीएलओ की सीमित भागीदारी देखी गई थी, लेकिन सोमवार को इसने गति पकड़ी और इसमें अतिरिक्त समर्थक जुटे और उन भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तीखी बहस हुई, जो कार्यालय के बाहर एकत्र हुए थे।

सुरक्षाकर्मियों द्वारा व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश के दौरान दोनों पक्षों ने नारेबाजी और जवाबी नारे लगाए।

हंगामे के बीच, शुभेंदु अधिकारी और भाजपा नेता सीईओ कार्यालय में घुसने में कामयाब रहे और अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ज्ञापन सौंपा।

अधिकारियों ने बताया कि बाहर विरोध प्रदर्शन के बावजूद बैठक बिना किसी व्यवधान के संपन्न हुई।

बीएलओ अधिकार रक्षा समिति ने प्रशासन पर विशेष गहन पुनरीक्षण कवायद के दौरान बीएलओ पर दबाव डालने का आरोप लगाया है, हालांकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।

इस बीच, भाजपा ने आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित था और इसका उद्देश्य उसके प्रतिनिधिमंडल की यात्रा में बाधा डालना था।

चुनाव अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भाषा

नोमान दिलीप

दिलीप