New Vice President Election: नए उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने शुरू की प्रक्रिया.. धनखड़ के इस्तीफे के बाद इन्हे मिली है राज्यसभा की कमान

धनखड़ ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।’ उन्होंने कहा, ‘सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा।’

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  • Publish Date - July 23, 2025 / 01:12 PM IST,
    Updated On - July 23, 2025 / 01:15 PM IST

New Vice President Election Notification || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा
  • नए उपराष्ट्रपति चुनाव की सूचना जारी हुई
  • धनखड़ के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव भी हुआ था पेश

New Vice President Election Notification: नई दिल्ली: तत्कालीन उप राष्ट्रपति सह राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब निर्वाचन आयोग ने नए उप राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में आयोग की तरफ से सूचना भी जारी कर दी गई है।

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पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल

संविधान में कहा गया है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए संविधान के अनुसार चुनाव ‘‘जल्द से जल्द’’ कराना होगा। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, अगले उपराष्ट्रपति को पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल मिलेगा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं, उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।

उपराष्ट्रपति की की पात्रता

अधिसूचना जारी होने के दिन से लेकर ‘निर्वाचन मंडल को मतदान के लिए बुलाने’ और मतदान की प्रक्रिया को पूरा करने तक के लिए 30 दिन की अवधि निर्धारित होती है। कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में तब तक निर्वाचित नहीं हो सकता, जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो, 35 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो और राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के योग्य न हो।कोई व्यक्ति जो भारत सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन किसी लाभ के पद पर हो, वह भी उपराष्ट्रपति के पद के लिए पात्र नहीं है।

सोमवार को दिया इस्तीफा

New Vice President Election Notification: गौरतलब है कि, अप्रत्याशित तौर पर सोमवार रात देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रेषित कर दिया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने सेहत संबंधी वजहों का हवाला दिया था। जगदीप धनखड़ ने कल मानसून सत्र के पहले दिन पूरी तैयारी से राज्यसभा पहुंचे थे। उन्होंने नव मनोनीत सदस्यों को शपथ भी दिलाया लेकिन इस बीच रात में खबर आई कि उन्होंने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल इस मामले में केंद्र की सरकार पर सवाल खड़े कर रहे है।

राष्ट्रपति द्रौपदी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health. श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”

 

स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफ़ा

गौरतलब है कि, सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।’ धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। वह राज्यसभा के सभापति भी हैं और उन्होंने संसद के मानसून सत्र (monsoon session of Parliament) के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया। हाल में उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंजियोप्लास्टी (angioplasty) हुई थी।

धनखड़ के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव भी

New Vice President Election Notification: राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव (motion to impeach) भी पेश किया था। उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था। यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था। धनखड़ पद पर रहते हुए इस्तीफा देने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले वी वी गिरि (VV Giri) ने 20 जुलाई, 1969 को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

सत्तादल भाजपा के लिए झटका

धनखड़ का अचानक इस्तीफा राज्यसभा में सरकार के लिए एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम के बाद आया है, क्योंकि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) को हटाने के लिए विपक्ष द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया था और उन्होंने सदन में इसका उल्लेख किया था। यह घटनाक्रम सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक झटका है, जिसने लोकसभा में इसी तरह का नोटिस प्रायोजित किया था और विपक्ष को भी इसमें शामिल किया था। धनखड़ 2022 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) के उम्मीदवार थे।

उप राष्ट्रपति ने जताया आभार

अपने त्यागपत्र में, धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मंत्रिपरिषद और सभी सांसदों को उनके कार्यकाल के दौरान सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा ‘मैं भारत के राष्ट्रपति के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं, जिनका समर्थन अडिग रहा। उनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा।’’

जताया सभी का आभार

New Vice President Election Notification: धनखड़ ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।’ उन्होंने कहा, ‘सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा।’ धनखड़ ने यह भी कहा कि वह भारत के लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए बहुत आभारी हैं।

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राजस्थान में 1951 में जन्म

उन्होंने पत्र में कहा, ‘इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना सौभाग्य और संतुष्टि की बात है। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना एक सच्चा सम्मान है।’ उन्होंने कहा, ‘इस सम्मानित पद से विदा लेते हुए, मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूं।’ धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में किसान परिवार में 18 मई, 1951 को हुआ।