India-pakistan war: मुस्लिम समाज ने मांगी हिंदुस्तान की जीत की दुआ, जुमे की नमाज के बाद पाकिस्तान मुर्दाबाद, सेना जिंदाबाद के नारे लगाए

Muslim community prayed for India's victory: देश के कई जगहों में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इस प्रकार की मन्नतें मांगी गई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मस्जिद से बड़ा संदेश समाज के लोगों ने दिया।

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  • Publish Date - May 9, 2025 / 07:24 PM IST,
    Updated On - May 9, 2025 / 07:24 PM IST

India-pakistan war, image soucre: ibc24

HIGHLIGHTS
  • देश में अमन चैन की दुआओं के साथ हिंदुस्तान की जीत की मन्नतें
  • ज़ुमे की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद में मांगी जीत की दुआ

सूरजपुर: Muslim community prayed for India’s victory पहलगाम में हुए निर्दोष लोगों पर आतंकी हमले का जवाब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया था, जिसमें 09 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई, जिस पर भारतीय सेना और नौसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी मंसूबों पर पानी फेर दिया। युद्ध और तनाव की स्थिति को देखते हुए, देश भर में सेना के लिए कहीं हनुमान चालीसा पढ़ी जा रही, तो कहीं मस्जिदों में दुआएं की जा रही हैं।

आज सूरजपुर में भी ज़ुमे की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद में भारतीय सेना के साथ देश में अमन चैन की दुआओं के साथ हिंदुस्तान की जीत की मन्नतें की। इस दौरान लोगों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद, सेना जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी बुलंद किए।

India-pakistan war देश के कई जगहों में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इस प्रकार की मन्नतें मांगी गई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मस्जिद से बड़ा संदेश समाज के लोगों ने दिया। जहां जुम्मे के नमाज के साथ मुल्क और सेना के हिफाजत के लिए दुआएं मांगी गई।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने की थी अपील

दरअसल, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मस्जिदों के इमामों से अपील की थी कि जुमे की नमाज में मुल्क की हिफाजत के लिए दुआ की जाएं। आज जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में और देश की अन्य मस्जिदों में जुमे की नमाज में देश की सलामती और जंग में सेना की कामयाबी के लिए दुआ की गई है।

इस मौके पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस मुल्क के मुसलमानों ने हमेशा देश की हिफाजत के लिए कुर्बानियां दी है। पाकिस्तान और चीन से हुई जंग में भी और इस वक्त भी। पूरे देश का मुसलमान अपने देश की हिफाजत के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने बताया कि जुमे की नमाज में भारतीय सेना और बॉर्डर पर रह रहे लोगों की सलामती के लिए दुआ मांगी गई है।

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क्या मुस्लिम समाज ने वाकई भारतीय सेना और देश की जीत के लिए मस्जिदों में दुआ की?

हाँ, कई जगहों पर जैसे सूरजपुर और लखनऊ में मुस्लिम समाज के लोगों ने जुमे की नमाज़ के बाद भारतीय सेना की सलामती, देश की सुरक्षा और अमन-चैन के लिए दुआएं कीं। मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीद गवाहों के अनुसार, नारे भी लगाए गए जैसे "भारत माता की जय", "सेना जिंदाबाद", और "पाकिस्तान मुर्दाबाद"।

क्या यह दुआएं किसी धार्मिक या राजनीतिक संगठन की पहल पर की गई थीं?

इन दुआओं की पहल स्थानीय स्तर पर सामूहिक रूप से हुई बताई जा रही है। यह एक स्वतःस्फूर्त सामाजिक एकजुटता की मिसाल है, न कि किसी राजनीतिक संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम।

क्या सभी मुस्लिम समुदाय इस तरह की कार्रवाई का समर्थन करते हैं?

भारत एक विविध देश है, और मुस्लिम समुदाय भी एकरूप नहीं है। हालांकि कई हिस्सों में सकारात्मक समर्थन देखा गया, लेकिन यह कहना गलत होगा कि हर व्यक्ति एक ही विचारधारा रखता है। परन्तु, ये घटनाएं समाज में सामूहिक राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना को दर्शाती हैं।

क्या इस तरह की घटनाएं सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देती हैं?

बिल्कुल, जब विभिन्न समुदाय राष्ट्रहित में एक साथ आते हैं, तो यह सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूती प्रदान करता है। ये घटनाएं नफरत और भ्रम फैलाने वालों को जवाब देने का माध्यम भी बनती हैं।