न्यायाधिकरण ने 2022 में दुर्घटना में मृत युवक के परिवार को 35 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश दिया

न्यायाधिकरण ने 2022 में दुर्घटना में मृत युवक के परिवार को 35 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश दिया

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 04:18 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 04:18 PM IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) साल 2022 में यहां एक सड़क हादसे में मारे गए 21 साल के व्यक्ति के परिवार को 35 लाख रुपये से ज्यादा मुआवजा यहां एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने दिया है।

उस व्यक्ति की मौत एक स्कूटर के मेट्रो पिलर से टकराने से हुई थी, जिस पर वह पीछे बैठा था।

पीठासीन अधिकारी गुंजन गुप्ता ने मृतक राहुल के परिवार की याचिका पर सुनवाई की।

यह हादसा 15 जून, 2022 को मेन रोहतक रोड पर मेट्रो पिलर नंबर 260 के पास हुआ था, जब रोहन का स्कूटर पिलर से टकरा गया, जिससे वह और पीछे बैठा राहुल, दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

अधिकरण ने 18 नवंबर के फैसले में कहा, “दावे करने वालों ने संभावनाओं के आधार पर सफलतापूर्वक साबित कर दिया है कि वाहन की तेज गति से और लापरवाही से ड्राइविंग के कारण व्यक्ति सड़क दुर्घटना में बताई गई जगह और समय पर गंभीर रूप से घायल हो गया था।’’

एमएसीटी ने कहा कि मृतक की मां, नाबालिग भाई और अविवाहित बहन आर्थिक रूप से उस पर निर्भर थे, जो असंगठित क्षेत्र में काम करता था। आय का प्रमाण न होने पर, अदालत ने दिल्ली के न्यूनतम वेतन के आधार पर उसकी कमाई का अनुमान लगाया।

न्यायाधिकरण ने अलग-अलग मदों के तहत लगभग 35.11 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

उसने बीमा कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार नहीं है क्योंकि वाहन चालक के पास कथित तौर पर वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। हालांकि, अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट और ड्राइवर के फॉर्म में एक स्थायी तथा प्रमाणित लाइसेंस का उल्लेख किया गया।

इसमें कहा गया कि बीमा कंपनी अपनी दलील साबित करने में नाकाम रही, उसने जांच अधिकारी से पूछताछ नहीं की, और आरोपपत्र में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3/181 के किसी भी उल्लंघन का जिक्र नहीं था और इसलिए, बीमा कंपनी परिवार के सदस्यों को पूरा मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार है।

भाषा वैभव प्रशांत

प्रशांत