शिलांग, 30 दिसंबर (भाषा) पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने देहरादून में त्रिपुरा के 24 वर्षीय छात्र की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को मृत्युदंड दिए जाने की मंगलवार को मांग की और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
नेसो, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के छात्र संगठनों का एक संयुक्त मंच है।
नेसो ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सौंपे एक ज्ञापन में कहा कि एंजेल चकमा से नौ दिसंबर को देहरादून में मारपीट की गई और उस पर चाकू से हमला किया। अस्पताल में दो सप्ताह से अधिक समय तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद छात्र ने 26 दिसंबर को दम तोड़ दिया।
नेसो ने कहा कि छात्र के भाई माइकल चकमा पर भी इस घटना के दौरान हमला किया गया।
संगठन ने आरोप लगाया कि यह हमला नस्लीय द्वेष से प्रेरित था और पीड़ितों की शारीरिक बनावट को निशाना बनाते हुए उनके लिए अपमानजनक और हीनभावना पैदा करने वाली नस्लीय टिप्पणियां की गईं।
नेसो का आरोप है कि देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों को इसी तरह के उत्पीड़न और हिंसा का बार-बार सामना करना पड़ता है।
देहरादून तथा पूरे उत्तराखंड में पूर्वोत्तर के छात्रों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग करते हुए नेसो ने राज्य सरकार से अपील की कि वह संबंधित प्राधिकारों के माध्यम से मानसिक, सामाजिक और शारीरिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
अपराधियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग करने के अलावा संगठन ने कम से कम एक ऐसा विशेष पुलिस थाना स्थापित करने की मांग की जो केवल नस्लीय भेदभाव और पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामलों से निपटे।
नेसो ने ‘नस्लवाद विरोधी’ कड़ा कानून बनाए जाने की भी मांग करते हुए कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचा नस्लीय एवं जातीय भेदभाव पर आधारित अपराधों से निपटने के लिए अपर्याप्त है।
संगठन ने उम्मीद जताई कि उत्तराखंड सरकार त्वरित कार्रवाई करेगी ताकि न्याय सुनिश्चित हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा