नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज शुक्रवार को व्यापार एवं निवेश, रक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ व्यापक वार्ता करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर उभरती चिंताओं के बीच दोनों नेता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति की समीक्षा भी कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अहमदाबाद और मुंबई में अपने कार्यक्रमों के समापन के बाद बृहस्पतिवार शाम दिल्ली पहुंचे।
इससे पहले, मोदी और अल्बनीज ने सुबह अहमदाबाद में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट मैच देखा।
अल्बनीज ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘क्रिकेट को पसंद करने वाले दो देशों के रूप में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कड़ी लेकिन दोस्ताना प्रतिद्वंद्विता है। इस प्रतियोगिता के केंद्र में वास्तविक सम्मान है, जो हमारे लोगों के बीच स्नेह और दोस्ती को दर्शाता है।’’
बाद में उन्होंने मुंबई का दौरा किया, जहां उनके कार्यक्रमों में भारत-ऑस्ट्रेलिया के सीईओ मंच पर संवाद शामिल था।
अपनी भारत यात्रा से कुछ दिन पहले अल्बनीज ने कहा था कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अच्छी है।
पिछले साल मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इससे पहले 2017 में तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया था।
मामले के जानकारों ने कहा कि व्यापार और निवेश, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज और शिक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत का केंद्र होंगे।
अल्बनीज की यात्रा 2022 और 2023 में दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं और मंत्रिस्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान के बाद हो रही है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 18 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी जबकि उनके समकक्ष पेनी वोंग ने 28 फरवरी से तीन मार्च तक नई दिल्ली का दौरा किया था।
गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं। आर्थिक सहयोग व्यापार समझौता (ईसीटीए) दिसंबर 2022 से लागू हो गया है।
यह एक दशक में किसी भी विकसित देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत, ऑस्ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
ईसीटीए के साथ, द्विपक्षीय व्यापार पांच वर्षों में लगभग 50 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत, ऑस्ट्रेलिया में कुशल अप्रवासियों के शीर्ष स्रोतों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय की संख्या बढ़ रही है और उनका महत्व भी लगातार बढ़ रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग भी आगे बढ़ रहा है।
दोनों पक्षों ने शैक्षिक योग्यता की परस्पर मान्यता के लिए दो मार्च को एक तंत्र तैयार किया था।
इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छात्रों के आवागमन की सुविधा में इजाफा होने की उम्मीद है।
यह पता चला है कि डीकिन विश्वविद्यालय और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय भारत में परिसर खोलने की योजना बना रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में एक लाख से अधिक भारतीय छात्र विभिन्न उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों का हिस्सा हैं और वे वहां विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गए हैं।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र शफीक
शफीक