तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के खिलाफ न्यायालय का रुख किया

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के खिलाफ न्यायालय का रुख किया

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  • Publish Date - July 6, 2025 / 01:30 PM IST,
    Updated On - July 6, 2025 / 01:30 PM IST

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस की नेता और सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

महुआ ने अपनी याचिका में कहा कि वह निर्वाचन आयोग के 24 जून के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करती हैं, जिसके तहत संविधान के विभिन्न प्रावधानों का कथित उल्लंघन करते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जा रहा है।

याचिका के मुताबिक, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जनहित में दायर वर्तमान रिट याचिका में भारत निर्वाचन आयोग के 24 जून को जारी आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। आदेश के तहत बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए), 21, 325, 328 व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।’’

महुआ ने याचिका में कहा, ‘‘ अगर इस आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह देश में बड़े पैमाने पर पात्र मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकता है, जिससे लोकतंत्र, स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कमजोर हो सकते हैं।’’

महुआ ने शीर्ष अदालत से भारत निर्वाचन आयोग को देश के अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों की विशेष गहन पुनरीक्षण के इस तरह के आदेश जारी करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

अधिवक्ता नेहा राठी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, ‘‘ उन मतदाताओं से अपनी पात्रता साबित करने के लिए कहा जा रहा है, जिनके नाम पहले से ही मतदाता सूची में हैं या पहले भी कई बार मतदान कर चुके हैं।’’

गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने भी इसी तरह की एक याचिका दायर की है, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश को चुनौती दी गई है।

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल शोभना

शोभना