नीलांबुर उपचुनाव में आश्चर्यजनक जीत के बावजूद यूडीएफ अनवर के सियासी कदम को लेकर सतर्क

नीलांबुर उपचुनाव में आश्चर्यजनक जीत के बावजूद यूडीएफ अनवर के सियासी कदम को लेकर सतर्क

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  • Publish Date - June 24, 2025 / 05:29 PM IST,
    Updated On - June 24, 2025 / 05:29 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 24 जून(भाषा) केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस-नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने आश्चर्यजनक तरीके से जीत दर्ज की है, लेकिन विपक्षी गठबंधन, चुनाव मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे पीवी अनवर के अगले कदम को लेकर सर्तक है, क्योंकि किसी मजबूत दलीय समर्थन के बावजूद वह (अनवर) बढ़िया प्रदर्शन करने में सफल रहे।

दो बार विधायक रहे अनवर 19 जून को हुए उपचुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरे थे। हालांकि, आधिकारिक तौर पर किसी बड़े मोर्चे का समर्थन नहीं मिलने के बावजूद उन्होंने मतों का प्रभावशाली हिस्सा हासिल किया, जिससे सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)-नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और यूडीएफ दोनों ही हैरान और परेशान हैं।

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यूडीएफ के कई नेता अपने उम्मीदवार आर्यदान शौकत की जीत से उत्साहित दिखे, लेकिन अनवर के विपक्षी खेमे में शामिल होने के विचार का स्वागत भी किया। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने अनवर के पार्टी में शामिल किये जाने की संभावना का सीधे जवाब देने से परहेज किया।

सतीशन ने उपचुनाव प्रचार के दौरान यूडीएफ को समर्थन देने के अनवर के प्रस्ताव का कथित तौर पर विरोध किया था। तिरुवनंतपुरम में जब पत्रकारों ने सतीशन से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई टिप्पणी नहीं’’ और इस विषय पर आगे कोई सवाल पूछने से मना कर दिया।

अनवर ने पहले यूडीएफ को समर्थन देने की इच्छा जताई थी, लेकिन औपचारिक गठबंधन से इनकार किए जाने के बाद वह बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे।

यूडीएफ संयोजक अदूर प्रकाश ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सामूहिक निर्णय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूडीएफ उपचुनाव से पहले अनवर को अपने पाले में लेने के लिए तैयार था, लेकिन पूर्व विधायक के अड़ियल स्वभाव के कारण यह संभावना खत्म हो गई।

प्रकाश ने कहा, ‘‘मैं अभी यूडीएफ में उनके शामिल होने की संभावना पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकता। यूडीएफ और उसके गठबंधन सहयोगियों के प्रमुख नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।’’

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख सनी जोसेफ ने भी कहा कि अनवर के रुख के कारण ही उनका यूडीएफ में प्रवेश रुका है। उन्होंने कहा, ‘‘अनवर ने हमसे दूरी बना ली है… लेकिन यह चर्चा का विषय है। हम चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। राजनीति में हर चीज पर चर्चा होनी चाहिए। हम निश्चित रूप से उचित निर्णय लेंगे।’’

नीलांबुर के नवनिर्वाचित विधायक आर्यदान शौकत ने कहा कि वह अनवर को यूडीएफ में शामिल करने को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि नीलांबुर में यूडीएफ की जीत और अधिक शानदार होती अगर अनवर विपक्षी मोर्चे में होते।

नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में 19 जून को हुए उपचुनाव में डाले गये कुल 1,75,989 वोट में से दिवंगत कांग्रेसी नेता आर्यदान मोहम्मद के बेटे शौकत को 77,737 वोट मिले हैं। निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी।

उसके अनुसार, शौकत को कुल डाले गए वोटों का 44.17 प्रतिशत हिस्सा मिला।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि स्वराज को 66,660 मतों से संतोष करना पड़ा, जो कुल मतों का 37.88 प्रतिशत था।

यूडीएफ और एलडीएफ दोनों को आश्चर्यचकित करते हुए, निर्दलीय उम्मीदवार अनवर ने उपचुनाव में बढ़िया प्रदर्शन किया। अनवर को 19,760 वोट (11.23 प्रतिशत) मिले।

अनवर तृणमूल कांग्रेस के राज्य संयोजक हैं।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश