मामला सिर्फ बयानों पर आधारित, कोई भौतिक साक्ष्य नहीं है: उमर खालिद के वकील का दावा
मामला सिर्फ बयानों पर आधारित, कोई भौतिक साक्ष्य नहीं है: उमर खालिद के वकील का दावा
Brahmos Missiles First Batch/ image source: IBC24
नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद के वकील ने यहां शुक्रवार को अदालत को बताया कि 2020 के दिल्ली दंगों की कथित साजिश में उनके मुवक्किल के खिलाफ केवल बयानों पर ही मामला बनाया गया है और कोई ठोस साक्ष्य नहीं है।
खालिद के खिलाफ आरोप तय करने का विरोध करते हुए बहस के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के समक्ष ये दलीलें दी गईं।
खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पैस ने दलील दी, ‘‘अगर सिर्फ बयान ही हैं, तो मामला कहां जाएगा? यह पिछले पांच सालों की तरह ही रुका रहेगा। क्या हम अल्फा, बीटा और गामा (तीन संरक्षित गवाहों के नाम) को बुलाकर पूछताछ करेंगे?’’
पैस ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई बरामदगी या कोई भौतिक सबूत नहीं मिला।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में 751 प्राथमिकियां दर्ज हैं और मेरा मुवक्किल एक (बड़ी साजिश के मामले) को छोड़कर किसी में भी आरोपी नहीं हैं।
एक गवाह के बयान का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि खालिद पर आठ दिसंबर 2019 को जंगपुरा में एक बैठक में शामिल होने का आरोप है, जहां 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित कथित साजिश पर चर्चा हुई थी।
खालिद के वकील ने कहा, ‘‘यह बैठक जंगपुरा में हुई थी। केवल दो लोगों को आरोपी बनाया गया है, और बैठक में शामिल अन्य लोगों का नाम नहीं है? अगर आप कहते हैं कि यह मुख्य साजिश वाली बैठक थी, तो आपको बयान लेने में इतना समय क्यों लगा?’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा कि अगर आपके पास सबूत हैं तो आप प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकते। लेकिन आपने मेरा नाम लिया है और इसे साजिश बताया है। आपने प्राथमिकी के लगभग छह महीने बाद और दिसंबर की बैठक के 11 महीने बाद बयान दर्ज किए हैं।’’
खालिद को इस मामले में 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
भाषा खारी पवनेश
पवनेश

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