केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने श्रद्धालुओं के पूजा के अधिकार को लेकर द्रमुक सरकार पर निशाना साधा

केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने श्रद्धालुओं के पूजा के अधिकार को लेकर द्रमुक सरकार पर निशाना साधा

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 05:08 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 05:08 PM IST

मदुरै (तमिलनाडु), 30 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) कार्तिगई दीपम दीप प्रज्ज्वलन मामले में उच्च न्यायालय के फैसले का पालन नहीं कर संविधान और बी. आर. आंबेडकर का ‘अपमान’ कर रही है।

उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार ने न केवल मुरुगन भक्तों को दीप प्रज्वलित करने से रोका, बल्कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों को भी वापस भेज दिया जो तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी की चोटी पर एक स्तंभ पर दीप प्रज्वलित करने जा रहे भक्तों के साथ गए थे।

मुरुगन ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत का संविधान व्यक्तिगत पूजा के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में गारंटी देता है। इसके निर्माता बी आर आंबेडकर ने भी इसका समर्थन किया था। द्रमुक को श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुष्ठान करने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि भगवान मुरुगन के भक्त द्रमुक से इस बात पर ‘नाराज’ हैं कि उसने उन्हें पूजा करने से ‘रोक दिया’ और तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर दीपक जलाने की अनुमति देने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मुरुगन ने यहां तिरुपरनकुंड्रम में अरुलमिघु सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर में पूजा करने के बाद कहा, ‘‘मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के फैसले को लागू करने के बजाय, द्रमुक ने इस मामले में न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन के फैसले को लेकर उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की कोशिश की।’’

उन्होंने अगले साल के आरंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, “द्रमुक संविधान का हनन कर रही है… भगवान मुरुगन इस अत्याचार और अराजकता को देख रहे हैं। द्रमुक को सबक सिखाने और उनके शासन का अंत करने में अब बस कुछ ही समय बाकी है।”

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तिरुप्परनकुंड्रम के भगवान मुरुगन से प्रार्थना की है कि वह एम.के. स्टालिन (मुख्यमंत्री) को सद्बुद्धि दें। इतिहास गवाह है कि जो लोग भगवान के साथ खिलवाड़ करते हैं, वे कभी समृद्ध नहीं होते। भक्तों की लंबे समय से यही इच्छा रही है कि कार्तिगई दीपम पर दीपक प्रज्वलित किया जाए।’’

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश

राजकुमार