गोपेश्वर, 24 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में करीब डेढ़ साल पहले भूस्खलन की समस्या को लेकर सुर्खियों में आए ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) के निवासी पुनर्वास, पुनर्निर्माण और मुआवजे को लेकर एक बार फिर से आंदोलन करने की तैयारी में हैं ।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि आपदा राहत से जुड़े मसलों पर अगर जल्द कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो वे फिर सड़कों पर उतरंगे।
‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ के संयोजक अतुल सती ने बताया कि समिति का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को देहरादून में राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव से मुलाकात करेगा तथा उनसे जोशीमठ आपदा से संबंधित उन सभी मुद्दों का शीघ्र हल निकालने का अनुरोध करेगा।
इन मुद्दों पर अप्रैल 2023 में राज्य के मुख्यमंत्री के साथ सहमति बनी थी।
सती ने आरोप लगाया कि पिछले डेढ़ साल से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
सती ने बताया कि इस बरसात के बाद ज्योतिर्मठ की तलहटी में नदी के कटाव और नये भूस्खलन के पुनः सक्रिय होने से एक बार फिर से गंभीर संकट खड़ा होने वाला है।
उन्होंने बताया कि इसके अतरिक्त नगर के विभिन्न क्षेत्रों में चट्टानों के खिसकने से कई क्षेत्रों में खतरा बढ़ा है, सड़कों पर लगातार बड़े गड्ढे बन रहे हैं, जो भविष्य के लिए खतरनाक हैं।
उन्होंने कहा कि इन स्थितियों और सरकार की उपेक्षा के कारण जनता में आक्रोश पनप रहा है।
सती ने कहा कि अगर सरकार से वार्ता में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता तो संघर्ष समिति एक बार फिर आंदोलन के लिए मजबूर होगी।
भाषा सं दीप्ति जितेंद्र
जितेंद्र