Uttarakhand Tunnel Rescue Update : अंतिम चरण में पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन, आज कभी भी बाहर आ सकती हैं 41 जिंदगियां, एंबुलेंस समेत डॉक्टर्स की टीम मौजूद..

Uttarakhand Tunnel Rescue Update: शुक्रवार को एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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  • Publish Date - November 24, 2023 / 07:50 AM IST,
    Updated On - November 24, 2023 / 07:50 AM IST

Uttarakhand Tunnel Rescue Update

देहरादून : Uttarakhand Tunnel Rescue Update : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में पिछले 13 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इससे जुड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन अब फाइनल राउंड में पहुंच गया है। इससे पहले गुरुवार को एक ऐसा वक्त भी आया, जब संभावना बढ़ गई थी कि कुछ ही घंटे में ऑपरेशन पूरा हो जाएगा। हालांकि, प्लेटफॉर्म पर दरारें दिखाई देने के बाद ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी। शुक्रवार को एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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Uttarakhand Tunnel Rescue Update : बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्कयारी टनल 12 नवंबर को लैंडस्लाइड के बाद बड़ा हादसा हो गया। एक बड़ा मलबा निर्माणाधीन सुरंग पर आकर गिर गया था, जिसकी वजह से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। तब से लगातार बचाव अभियान चल रहा है। इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा, ड्रिलिंग मशीन तीन बार खराब हो चुकी है। यह शुक्रवार तक ठीक हो जाएगी।

 

Uttarakhand Tunnel Rescue Update : बता दें कि गुरूवार को ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद कल ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया था। अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं। वहीं 23 नवंबर को स्थानीय लोग स्थानीय देवता की ‘डोली’ को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में लाया गई है। जहां फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है।

 

रेस्क्यू में लगी टीम का दावा है कि जल्द की रेस्क्यू टीम टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंच जाएगी। अगले कुछ घंटे में मजदूर निकलने वाले हैं। इसके लिए टनल के बाहर तैयारियों को पूरा किया गया है। 41 बेड का अस्पताल रेडी है। एंबुलेंस तैयार है। मजदूरों की हालत खराब होने की स्थिति में उन्हें एयरलिफ्ट करने की भी तैयारी है।

 

तैयार किए जा चुके हैं 41 बेड

जैसे ही वे 41 मजदूर निकाले जाएंगे, उन्हें तत्काल चिन्यलिसौर के एक अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। इसके लिए पहले से ही 41 बेड तैयार किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ एक्सपर्ट पीके मिश्रा का कहना है कि पहले उन लोगों को लाया जाएगा जिनकी उम्र ज्यादा है क्योंकि ऐसी स्थिति एक ट्रामा की स्थिति होती है। इतने दिन तक वहां गुजारने के बाद उनकी मानसिक स्थिति पर भी नजर रखी जाएगी। उनके ब्लड प्रेशर और अन्य चीजों पर ध्यान दिया जाएगा। यह देखा जाएगा कि उनमें कोई ऑक्सीजन या अन्य की कमी तो उनमें नहीं हो जाएगी।

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