Vice President of India: उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA की बैठक में अहम फैसला / Image Source : IBC24 Customized
नई दिल्ली: Vice President of India Name एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही तैयारियां शुरू कर दी है। उपराष्ट्रपति पद के लिए नाम फाइनल करने के लिए गुरुवार को एनडीए की अहम बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें नाम फाइनल करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी गई है। केंद्रीय मंत्री ने बैठक के संबंध में अधिकारिक तौर पर मीडिया को जानकारी दी है।
Vice President of India Name बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से यह पद रिक्त है और राजनीतिक हलकों में अगले उपराष्ट्रपति को लेकर कयासों का दौर जारी है। कई नामों की चर्चा हो रही है, हालांकि भाजपा ने पिछली बार भी धनखड़ के नाम की घोषणा कर लोगों को चौंका दिया था।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल राज्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अपना पांच वर्षीय कार्यकाल पूरा किया है। उन्हें अनुच्छेद 370 हटाने के बाद क्षेत्र में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि उनके कार्यकाल का अंत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की छाया में हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान गई। इसके बावजूद उनकी दावेदारी मजबूत मानी जाती है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी नेता माना जाता है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का नाम भी उपराष्ट्रपति पद की रेस में शामिल है। वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी की तत्कालीन सरकार के खिलाफ कई फैसले लिए और केजरीवाल की सरकार के द्वारा लिए गए कई प्रशासनिक फैसलों पर रोक लगा दी। इसके बाद वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के साथ-साथ भाजपा नेतृत्व को भरोसे में आ गए। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि उन्हें अब बड़ी भूमिका सौंपी जा सकती है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह जदयू से आते हैं। उन्हें भी एक विश्वसनीय और अनुभवी चेहरा माना जाता है। 2020 से इस पद पर रहते हुए उन्होंने सदन में कई बार संतुलन बनाए रखा है और सरकार के साथ उनकी साफ समझ रही है। उन्होंने इस बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का भरोसा जीता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए इस बार राजनीतिक संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार चुनेगा। सबकी निगाहें इस पर हैं कि प्रधानमंत्री मोदी किस नाम पर मुहर लगाते हैं। वहीं विपक्ष भी जल्द ही अपने उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू कर सकता है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। हालांकि, एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर स्पष्ट बहुमत है।