Sachin Pilot on ashok gehlot
नयी दिल्ली, Agneepath scheme violance : कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रविवार को केंद्र सरकार से ‘हठ’ न दिखाने और नयी सैन्य भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को व्यापक विचार-विमर्श के लिए तत्काल वापस लेने की अपील की, ताकि कृषि कानून प्रकरण की पुनरावृति से बचा जा सके।
उन्होंने कहा कि देश को पिछले कुछ वर्षों में ‘स्थायी रूप से उथल-पुथल’ वाली स्थिति में रख दिया गया है और ‘अग्निपथ योजना की अस्वीकृति’, बेरोजगारी तथा आर्थिक एवं कृषि संकट के फलस्वरूप युवाओं की ‘भयंकर नाराजगी’ सामने आई है।
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‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में पायलट ने कहा कि सरकार को युवाओं की ‘असल’ शिकायत के लिए विपक्ष पर ठीकरा फोड़ना बंद करना चाहिए तथा उसने कृषि कानून आंदोलन के दौरान जो आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला था, उससे उसे बचना चाहिए।
Agneepath scheme violance : प्रादेशिक सेना में कैप्टन पायलट ने कहा, ‘‘इसका विपक्ष से कोई लेना-देना नहीं है। यह युवा लोगों की असल शिकायत है। सरकार को उनकी आवाज सुननी चाहिए और निर्णय लेने तथा समीक्षा एवं संशोधन करने में हठ नहीं दिखाना चाहिए। फिलहाल सरकार को इसे (अग्निपथ योजना) वापस ले लेना चाहिए।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने कई राजनीतिक बाध्यताओं की वजह से एक साल बाद कृषि कानून वापस ले लिए। यह और गंभीर मुद्दा है तथा इसमें युवाओं का भविष्य शामिल है, इसलिए उसे इस नीति पर तत्काल पूर्ण विराम लगाना चाहिए।’’
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उन्होंने कहा कि इस सरकार की पहचान किसी की नहीं सुनने वाली सरकार की है, लेकिन केंद्र को देश के अभिभावक की तरह बर्ताव करना चाहिए और ‘हठी नहीं बनना’ चाहिए।
पायलट ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि देश को ‘स्थायी रूप से उथल-पुथल’ वाली स्थिति में ला खड़ा किया गया है और समुदाय, जाति, क्षेत्र व धर्म से जुड़े मुद्दे उभरने के साथ समाज में वैमनस्य पैदा हुआ है तथा माहौल में नकारात्मकता आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी (प्रदर्शनकारी) युवा ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं। वे अपने परिवारों को दीर्घकालिक वित्तीय दबाव एवं ऋण तले दबा देखते हैं और तब आपके यहां महंगाई, बेरोजगारी हो तो उससे असुरक्षा पैदा होती है। इन सबसे ऊपर है सशस्त्र बलों में सेवा करने का अच्छा मौका, उसे भी आप छीन लेते हैं। इसलिए यह उन सभी मुद्दों की परिणति है, जो भयंकर नाराजगी के रूप में सामने आई है और वह हमें नजर आ रही है।’’
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प्रशासन पर प्रहार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार का रवैया ‘पहले कानून बनाओ और फिर चर्चा करो’ का है तथा अग्निपथ योजना के साथ जो हो रहा है, वह वैसा ही है, जैसा कृषि समुदाय के कथित फायदे के लिए केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के साथ हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लगातार एक साल तक चले आंदोलन के बाद इन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था।
पायलट ने कहा कि इसी तरह सरकार अब अग्निपथ योजना लेकर आई है और प्रारंभिक योजना की घोषणा के बाद मिली तत्काल प्रतिक्रिया को देखते हुए उसे कुछ बदलाव करने पड़े हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ये सारी प्रतिक्रियाएं इस बात का संकेत हैं कि नीति पर अच्छी तरह से विचार नहीं किया गया था।