Dhurandhar Movie Controversy/ Image Credit: Ranveer Singh Instagram
Dhurandhar Movie Controversy: नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह अपनी अपकमिंग फिल्म ”धुरंधर” को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। वहीं अब यह फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिरती हुई नजर आ रही है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, इस फिल्म से जुड़ा मामला हाई कोर्ट पहुंच चुका हैं। दरअसल, अशोक चक्र और सेना मेडल से सम्मानित शहीद मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता ने दिल्ली हाई कोर्ट में फिल्म ”धुरंधर” को लेकर याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि रणवीर सिंह की आने वाली फिल्म धुरंधर में उनके बेटे की जिंदगी, सेवा और गुप्त ऑपरेशनों से जुड़े हिस्सों का इस्तेमाल बिना किसी अनुमति के किया गया है। माता-पिता का कहना है कि, न तो परिवार से सहमति ली गई और न ही भारतीय सेना से कोई आधिकारिक अनुमति हासिल की गई।
DDhurandhar Movie Controversy: परिवार ने है कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि, ट्रेलर और इंटरव्यू देखकर साफ लगता है कि, फिल्म की कहानी मेजर शर्मा के कश्मीर में हुए अंडरकवर मिशनों और उनकी शहादत से प्रेरित है। उनका कहना है कि शहीद के जीवन को व्यावसायिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल करना न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि उनकी गरिमा के खिलाफ भी है। परिवार ने यह भी तर्क दिया कि कई मिशन अभी भी गोपनीय हैं और उनका सार्वजनिक चित्रण देश की सुरक्षा पर असर डाल सकता है। इतना ही नहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि, सेना से जुड़े प्रतीक, ऑपरेशन और टैक्टिक्स दिखाने के लिए ADGPI की मंजूरी जरूरी होती है, लेकिन रिकॉर्ड में कहीं भी ऐसा नहीं दिखता कि फिल्ममेकर्स ने यह प्रक्रिया पूरी की हो। परिवार ने इसे नियमों का स्पष्ट उल्लंघन बताया है।
Dhurandhar Movie Controversy: शहीद मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता ने याचिका दायर करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि, इस फिल्म की रिलीज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। इसके साथ ही फिल्म की स्क्रिप्ट, कच्चा फुटेज और एक विशेष स्क्रीनिंग परिवार को दिखाने की मांग भी की गई है। शहीद मेजर मोहित शर्मा का परिवार चाहता है कि, कोर्ट यह आदेश दे कि भविष्य में किसी भी शहीद की वास्तविक कहानी पर फिल्म बनाने से पहले कानूनी वारिस और सेना की अनुमति अनिवार्य की जाए।
Dhurandhar Movie Controversy: मामला अब हाई कोर्ट में सूचीबद्ध होने का इंतजार कर रहा है। पूरे देश की नजर इस फैसले पर टिकी है, खासकर सेना के परिवारों और सैन्य सम्मान से जुड़े लोगों की।
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