fire in Bhoramdev and Semarsot Sanctuary, image source: ibc24
बलरामपुर/कवर्धा: fire in Bhoramdev and Semarsot Sanctuary बलरामपुर जिले में एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है, तो दूसरी तरफ जंगलों में आग लगने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। जिले के सेमरसोत अभ्यारण के जंगलों में आग लगी हुई है। वहीं कवर्धा जिले के भोरमदेव अभ्यारण्य के जंगल में भी आग लगी हुई है। इससे वन संपदा को काफी नुकसान पहुंच रहा है। आग लगने के कारण जंगलों में रहने वाले जीव जंतु भी काफी नष्ट हो रहे हैं। इस पूरे मामले में विभाग का कोई भी ध्यान नहीं है।
दरअसल, सेमरसोत अभ्यारण के राजा पहाड़ और जलेबी मोड़ के पास भीषण आग लगी हुई है। रात के समय यह आग दीपावली की तरह दिखती है। एक बड़े क्षेत्रफल में आग फैली हुई है और इससे छोटे-बड़े पेड़ पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है, वन संपदा को भी नुकसान पहुंचा है।
इस साल गर्मी में अभ्यारण में आग लगने का यह दूसरा मामला है। आग लगने के कारण एक बड़े क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। हैरान करने वाली बात यह है कि इसके लिए अलग से आधिकारिक कर्मचारी नियुक्त रहते हैं, लेकिन किसी ने आग बुझाने की पहल तक शुरू नहीं की है।
इधर कवर्धा जिले के भोरमदेव अभ्यारण्य के जंगल में भी आग लगी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार मांदाघाट क्षेत्र के पास जंगल में आग लगी है। वन्यजीवों के साथ बहुमूल्य पेड़-पौधे भी चपेट में आए हुए हैं।
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बता दें कि जंगल से लगे हुए गांवों के ग्रामीण महुआ चुनने के लिए आते हैं, जो कि सफाई करने के लिए कई बार आग लगा देते हैं, इस लापरवाही की वजह से कई बार जंगलों में आग फैल जाती है। ऐसे में ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने का काम वन विभाग द्वारा किया जाना चाहिए। हर तरह के प्रयास और सुविधाओं के बाद भी वन विभाग के कर्मचारी अपने कर्तव्यों को निभाने में लापरवाही करते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप जंगल धूधू कर जल रहे हैं।
इधर सूरजपुर जिले में दो अलग-अलग जंगल में आग लगी है। घरहरी और करांजवार जंगल में आग लगी है। आग लगने का कारण अज्ञात है, यह क्षेत्र प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में आता है।