Bhilai Blind Murder : प्रेमी ही निकला कातिल, प्रेमिका और उसके 8 साल के बेटे की हत्या कर बोरे में भरकर कुएं में फेंका शव

Big revelation in Bhilai murder case: अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर आरोपी छत्रपाल ने पहले दोनों का गला घोंटकर उसकी हत्या की औऱ फिर अपने गुनाह को छुपाने दोनों के हाथपैर बांध उन्हें बोरे में डालकर कुंए में फेंक दिया।

Bhilai Blind Murder case, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • कुएं से आती बदबू ने खोला राज
  • इंस्ट्राग्राम में उसकी दोस्ती छत्रपाल सिंगौर से हुई
  • सुनीता और उसके बेटे की गला दबा कर हत्या

भिलाई: Bhilai Blind Murder case, पहले दोस्ती, फिर प्यार और फिर नृशंस हत्या.. हत्या भी ऐसी कि देखने वालों का दिल दहल जाए। इंस्ट्राग्राम में दोस्ती करते वक्त रायपुर की रहने वाली सुनीता चतुर्वेदी ने सोचा भी नहीं होगा कि जो प्रेमी उसके लिए दुनिया से लड़ने के लिए तैयार था, वही उसकी जान ले लेगा। लेकिन सुनीता के प्रेमी छत्रपाल ने उसे तो मौत के घाट उतारा, लेकिन उसके 8 साल के मासूम बेटे काव्यांश को भी नहीं छोड़ा।

अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर आरोपी छत्रपाल ने पहले दोनों का गला घोंटकर उसकी हत्या की औऱ फिर अपने गुनाह को छुपाने दोनों के हाथपैर बांध उन्हें बोरे में डालकर कुंए में फेंक दिया। और तो और कल जब गांव में पुलिस कुएं से शव निकालने पहुंची तो गांववालों के बीच खड़े होकर अंजान बनकर तमाशा भी देखते रहे। आज दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल ने इस अंधे कत्ल का खुलासा किया है।

कुएं से आती बदबू ने खोला राज

Big revelation in Bhilai murder case , कल अमलेश्वर थाना क्षेत्र के ग्राम खम्हिरया में रहने वाले बजरंग महिलांग की बाड़ी में बने हुए कुंए से कुछ महिलाएं पानी भरने गई तो वहां से उठती बदबू से वे परेशान हो गई और कुएं के अंदर झांककर देखा तो अंदर एक बोरी नजर आई। जिसके बाद गांव के कोटवार तक यह खबर पहुंची और फिर कोटवार ने पुलिस को बुलाया। पुलिस की टीम ने जब कुंए से उस बोरे को बाहर निकाला तो उसके अंदर एक बच्चे का शव मिला जिसके हाथपैर बंधे हुए थे।

वही गांववालों ने देखा कि नजदीक में बने दूसरे कुएं में भी एक बोरा नजर आ रहा है। जिसे पुलिस ने खोला तो उसमें एक महिला का शव मिला। शवों की स्थिति को देख पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया औऱ् जांच शुरू कर दी। 12 एक्सपर्ट की टीम बनाई गई और टीम ने जब गांव में तफ्तीश की तो चंद घंटों में हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में थे।

इंस्ट्राग्राम में उसकी दोस्ती छत्रपाल सिंगौर से हुई

एसएसपी विजय अग्रवाल ने इस पूरे मामले का खुलासा कर बताया कि रायपुर की रहने वाली सुनीता चतुर्वेदी अपने 8 साल के बेटे काव्यांश के साथ रहती थी और दो साल पहले इंस्ट्राग्राम में उसकी दोस्ती छत्रपाल सिंगौर से हुई। चूंकि सुनीता के पति की मौत हो गई थी, इसलिए वह छत्रपाल के करीब आ गई और दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। इसी दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। इसी बीच छत्रपाल ने उससे शादी करने और बच्चे को अपनाने की बात भी कही। इसी बीच सुनीता बार-बार उसे साथ रखने की जिद भी करती रही।

वहीं डेढ़ महीने पहले छत्रपाल ने किसी और से शादी कर ली। इसका पता सुनीता को चल गया और वह फिर से उसके साथ रहने की जिद करने लगी। इधऱ् सुनीता के साथ रखने के बढ़ते दबाव को देखा तो छत्रपाल ने अपने चचेरे भाई शुभम के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई। 18 जून को छत्रपाल अपनी स्कूटी में सुनीता औऱ् उसके बेटे को लेकर गांव आ गया और गांव के खार में ले गया।

सुनीता और उसके बेटे की गला दबा कर हत्या

जहां दोनों ने मिलकर सुनीता औऱ् उसके बेटे का गला दबा कर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों के शव को ठिकाने लगाने अलग-अलग साड़ी में लपेट उसे बोरी में डाला और उसमें पत्थर भरकर अलग-अलग कुंए में फेंक दिया था। एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने छत्रपाल को किसी महिला के साथ देखा था और किसी ने बोरे में उसे कुछ ले जाते देखा था। जिसके बाद पुलिस को क्लू मिला और हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में आ गए।

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सुनीता चतुर्वेदी और छत्रपाल की मुलाकात कैसे हुई थी?

उत्तर: सुनीता चतुर्वेदी और छत्रपाल सिंगौर की मुलाकात करीब दो साल पहले इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई थी। दोनों के बीच दोस्ती हुई, फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया। सुनीता विधवा थी और अपने बेटे के साथ रहती थी।

हत्या की मुख्य वजह क्या रही?

उत्तर: छत्रपाल ने हाल ही में किसी और से शादी कर ली थी। जब सुनीता को यह पता चला, तो वह फिर से उसके साथ रहने की जिद करने लगी। इस दबाव से बचने के लिए छत्रपाल ने अपने चचेरे भाई शुभम के साथ मिलकर सुनीता और उसके बेटे की हत्या की साजिश रची।

हत्या कैसे और कब की गई?

उत्तर: 18 जून को छत्रपाल, सुनीता और उसके बेटे को स्कूटी में बिठाकर अपने गांव लाया। वहां खेत (खार) में ले जाकर गला दबाकर दोनों की हत्या कर दी। शवों को बोरे में डालकर, पत्थर भरकर दो अलग-अलग कुओं में फेंक दिया गया।

पुलिस को आरोपियों तक कैसे पहुंचने में सफलता मिली?

उत्तर: गांव की महिलाओं ने कुएं से आती बदबू महसूस की और बोरे की झलक देखी। जब पुलिस आई और शव बरामद किए, तो जांच में पता चला कि कुछ लोगों ने छत्रपाल को महिला के साथ और बोरे के साथ देखा था, जिससे पुलिस को सुराग मिला और दोनों आरोपी पकड़े गए।