Publish Date - June 5, 2025 / 06:40 PM IST,
Updated On - June 5, 2025 / 06:40 PM IST
Char Dham Yatra 2025 | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ती नजर आ रही है
रिपोर्ट्स के मुताबिक यात्रा शुरू होने के बाद से 80 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है,
अधिकांश की मौतें ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, हार्ट अटैक के कारण हुई हैं,
देहरादून: Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ती नजर आ रही है। अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक यात्रा शुरू होने के बाद से 80 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश की मौतें ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, हार्ट अटैक, और सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई हैं।
Char Dham Yatra 2025: चारधाम यात्रा में शामिल चारों प्रमुख तीर्थ केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समुद्र तल से 3,000 से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। जैसे-जैसे यात्रियों की ऊंचाई पर चढ़ाई होती है वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर घटता जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक हो जाती है जो पहले से हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह या श्वास संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई श्रद्धालु बिना किसी मेडिकल जांच या शारीरिक तैयारी के यात्रा पर निकल पड़ते हैं जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है। बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं।
Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड सरकार ने यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप, ऑक्सीजन सिलेंडर, एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सुविधाओं की व्यवस्था की है। हालांकि, भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालुओं की तुलना में ये व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। स्थानीय प्रशासन को इस चुनौती से निपटने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चारधाम की यात्रा में मौसम का मिजाज भी बड़ा जोखिम पैदा करता है। अचानक बारिश, भूस्खलन और बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं और ठंड बढ़ जाती है जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
चारधाम यात्रा में "श्रद्धालुओं की मौत" क्यों हो रही है?
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का मुख्य कारण ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, हार्ट अटैक, और सांस लेने में तकलीफ है। खासकर वे लोग जो पहले से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए यह यात्रा जोखिमभरी हो सकती है।
"चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था" कितनी कारगर है?
उत्तराखंड सरकार ने यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप, एंबुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर और हेल्प डेस्क लगाए हैं, लेकिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के मुकाबले यह व्यवस्थाएं फिलहाल अपर्याप्त साबित हो रही हैं।
क्या "चारधाम यात्रा के लिए मेडिकल चेकअप" अनिवार्य है?
फिलहाल मेडिकल चेकअप पूरी तरह अनिवार्य नहीं है, लेकिन सरकार और विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि विशेष रूप से 50 वर्ष से ऊपर के लोग या बीमार व्यक्ति यात्रा से पहले मेडिकल जांच जरूर करवाएं।
"चारधाम यात्रा में किन बीमारियों वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए?"
हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी बीमारी से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और चिकित्सकीय परामर्श लेकर ही यात्रा पर निकलना चाहिए।
"चारधाम यात्रा में मौसम से जुड़ी चेतावनियों" की जानकारी कैसे मिलेगी?
सरकारी वेबसाइट, स्थानीय प्रशासन, और चारधाम यात्रा ऐप के माध्यम से मौसम संबंधित अलर्ट व मार्ग स्थितियों की जानकारी लगातार अपडेट की जाती है। यात्रा से पहले अपडेट देखना अनिवार्य है।