मुख्यमंत्री साय ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, राज्य में बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के दिए निर्देश

CG news: मुख्यमंत्री ने राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक योजनाओं की समीक्षा की और उनकी त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

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  • Publish Date - February 25, 2025 / 10:33 PM IST,
    Updated On - February 25, 2025 / 10:33 PM IST

Sai Cabinet Meeting Today/ Image Credit: CG DPR

HIGHLIGHTS
  • भविष्य की आवश्यकताओं और अधोसंरचना विकास की प्रगति पर विस्तार से चर्चा
  • अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
  • 10 वर्षों की मांग को देखते हुए तैयारी की समीक्षा

रायपुर: Chief Minister Sai held a high-level review meeting, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति, भविष्य की आवश्यकताओं और अधोसंरचना विकास की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में यह पाया गया कि बढ़ती ऊर्जा मांग को देखते हुए राज्य में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक योजनाओं की समीक्षा की और उनकी त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए। समीक्षा के मुख्य बिन्दु राज्य में विद्युत की आपूर्ति, उपलब्धता तथा आगामी परियोजनाएं रहीं।

बैठक में बताया गया कि राज्य में विगत वर्षों में मांग में वृद्धि दर्ज की गई है परंतु मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पायी। राज्य में नये पॉवर प्लांट लगाने हेतु कोई योजना नहीं बनाई गई। मुख्यमत्री जी द्वारा आगामी 10 वर्षों की मांग को देखते हुए तैयारी की समीक्षा की गई। पॉवर कंपनी द्वारा यह ध्यान में लाया गया कि आगामी वर्षों में कोरबा में उत्पादन कंपनी द्वारा 1320 मेगावाट क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना की जायेगी। इसके अतिरिक्त एनटीपीसी द्वारा राज्य में स्थापित की जा रही संयंत्रों से 50 प्रतिशत बिजली के क्रय हेतु अनुबंध किए गए है, जिससे 1200 मेगावाट बिजली राज्य को वर्ष 2027-28 तक प्राप्त होगी।

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इसके अतिरिक्त भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आगामी वर्षों में अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता हासिल करने की कार्य योजना बनाकर उस पर गंभीरता से अमल किया जा रहा है। ताप विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के अलावा पम्प स्टोरेज धारित जल विद्युत संयंत्र, बैटरी स्टोरेज सौर ऊर्जा संयंत्र का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी बड़े पैमाने पर विभिन्न परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। इससे सामान्य अवधि के अतिरिक्त पीक लोड के समय बिजली उपलब्ध रहेगी।

अंतर्राज्यीय पारेषण परियोजनाओं के माध्यम से अन्य राज्यों में उपलब्ध सरप्लस बिजली का उपयोग राज्य में करने हेतु वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। आर.डी. एस. एस. योजना के तहत लाईन लॉस में कमी लाकर बिजली उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। केन्द्रीय क्षेत्र के ताप बिजली घरों से विद्युत प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट किया गया है।

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बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कोई भी घोषित अथवा अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य देश के उन चुनिनंदा राज्यों में से एक है जो किसानों को अधिक मात्रा में तथा सस्ती बिजली उपलब्ध कराती है उल्लेखनीय है कि राज्य के किसानों को 18 घंटे मुफ्त में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। यहां तक कि विद्युत आपूर्ति में आकस्मिक कमी होने पर राज्य की पॉवर कंपनी द्वारा महंगी दरों पर भी एक्सचेंज के माध्यम से विद्युत का क्रय कर किसानों एवं उपभोक्ताओं को निरंतर बिजली उपलब्ध कराई जाती है। विद्युत उपभोक्ता सेवा के लिए ऑनलाईन आईटी सॉल्यूशन्स के बड़े उपाय भी किये गये है। बिजली मितान बॉट सेवा में उपभोक्ता व्हाट्सअप के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करते हुए समाधान प्राप्त कर सकते है। मोर बिजली एप, 1912 सेवा एवं लोकल कॉल सेंटर आदि उपायों के भी उत्साहजनक परिणाम मिले है।

क्या राज्य में बिजली कटौती की जा रही है?

➜ नहीं, बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रदेश में कोई भी घोषित या अघोषित बिजली कटौती नहीं हो रही है। किसानों और उपभोक्ताओं को निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

राज्य में भविष्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए क्या योजनाएं बनाई गई हैं?

➜ मुख्यमंत्री ने अगले 10 वर्षों की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक योजनाओं की समीक्षा की। कोरबा में 1320 मेगावाट का नया ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा और एनटीपीसी से 1200 मेगावाट बिजली प्राप्त करने हेतु अनुबंध किए गए हैं।

क्या किसानों के लिए बिजली आपूर्ति की कोई विशेष योजना है?

➜ हां, छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जो किसानों को 18 घंटे मुफ्त बिजली उपलब्ध कराता है। आवश्यकता पड़ने पर महंगी दरों पर भी बिजली खरीदकर किसानों को निर्बाध आपूर्ति दी जाती है।