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Cervical Cancer Awareness Camp: डॉ संजना खेमका ने खमतराई में लगाया सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कैंप, बड़ी संख्या में महिलाओं ने लिया लाभ
Cervical Cancer Awareness Camp by Dr. Sanjana Khemka : यह कैंप खमतराई के सामुदायिक भवन में आयोजित किया गया। जिसमें खमतराई क्षेत्र की लगभग 60 से 70 महिलाओं एवं युवतियों को सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों और उससे बचने के उपायों से जागरूक किया।
Publish Date - February 27, 2025 / 04:34 PM IST,
Updated On - February 27, 2025 / 04:35 PM IST
Cancer Awareness Camp in Khamtarai, image soruce: ibc24
HIGHLIGHTS
महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना
कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए पेप-स्मीयर टेस्ट कराना जरुरी
सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों और उससे बचने के उपायों से जागरूक किया
रायपुर: Cervical Cancer Awareness Camp by Dr. Sanjana Khemka, दिनांक 23 फरवरी 2025 को श्री नारायणा हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट “डॉ.संजना खेमका” द्वारा “सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कैंप” का आयोजन किया गया। यह कैंप खमतराई के सामुदायिक भवन में आयोजित किया गया। जिसमें खमतराई क्षेत्र की लगभग 60 से 70 महिलाओं एवं युवतियों को सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों और उससे बचने के उपायों से जागरूक किया।
डॉ. संजना खेमका ने बताया कि, महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने या इसे प्रारंभिक स्तर में ही डायग्नोज करने के लिए नियमित तौर पर सीबीसी, थायराइड एवं प्रोलैक्टिन टेस्ट करना चाहिए और कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए पेप-स्मीयर टेस्ट कराना जरुरी होता है। जिसमें योनि से जो सफेद पानी का स्त्राव होता है, उसी सफेद पानी से कैंसर की स्क्रीन टेस्ट की जाती है, साथ ही चेस्ट की भी नियमित तौर पर सोनोग्राफी कराना अति आवश्यक होता है।
Cervical Cancer Awareness Camp by Dr. Sanjana Khemka वहीं 18 वर्ष से कम उम्र की युवतियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के बारे में उन्होंने बताया कि, इस वैक्सीन की तीन डोज लगाने से सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है। इस कैंप में इस क्षेत्र की चमेली साहू, सुभद्रा साहू, दामिनी तेली, सरस्वती देवांगन, मीना साहू, छलिया सिन्हा, निर्मला साहू, मल्लिका योगेश एवं डॉ योगेश्वरी कुर्रे का सहयोग सराहनीय रहा।
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले भाग (सर्विक्स) में होने वाला कैंसर है। इसके लक्षणों में असामान्य योनि रक्तस्राव, पेट में दर्द, यौन संबंध के दौरान दर्द, और असामान्य स्त्राव शामिल हो सकते हैं। हालांकि, शुरुआती चरणों में यह कोई लक्षण नहीं दिखा सकता है, इसलिए नियमित स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव कैसे किया जा सकता है?
बचाव के उपायों में नियमित रूप से पाप स्मीयर टेस्ट कराना शामिल है, जिससे सर्विक्स में असामान्य कोशिकाओं का पता चलता है, जो कैंसर बनने से पहले पहचान में आ सकती हैं। अच्छे स्वच्छता के उपाय, सुरक्षित यौन संबंध और धूम्रपान से बचना भी मदद करता है। इसके अलावा, एचपीवी (HPV) के खिलाफ वैक्सीनेशन भी उपलब्ध है, जो सर्वाइकल कैंसर से बचाव करता है।
HPV वैक्सीन क्या है, और इसे कौन लेना चाहिए?
एचपीवी वैक्सीनेशन एक वैक्सीन है जो मानव पेपिलोमावायरस (HPV) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। यह वैक्सीनेशन 9 से 26 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं के लिए अनुशंसा की जाती है, और यह ideally तब दी जानी चाहिए जब वे वायरस के संपर्क में आने से पहले हों। इस वैक्सीनेशन की तीन डोज़ लेनी पड़ती है।
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लिए स्क्रीनिंग कब शुरू करनी चाहिए?
महिलाओं को 21 वर्ष की आयु में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू करनी चाहिए, चाहे वे यौन संबंध रखते हों या नहीं। इसके बाद, पाप स्मीयर टेस्ट के माध्यम से हर 3 साल में स्क्रीनिंग जारी रखनी चाहिए, और 65 वर्ष तक यह प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है, यदि पिछले परिणाम सामान्य हों।
सर्वाइकल कैंसर की नियमित स्क्रीनिंग के क्या फायदे हैं?
नियमित स्क्रीनिंग से सर्वाइकल कैंसर का पता शुरुआती चरण में चल सकता है, जब इसे ठीक किया जा सकता है। यदि असामान्य कोशिकाओं या कैंसर के शुरुआती लक्षणों का समय पर पता चलता है, तो इसका इलाज जल्दी किया जा सकता है, जिससे रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है और कैंसर के बढ़ने से बचा जा सकता है।