वॉशरूम में लगाया हिडन कैमरा! पॉलिटेक्निक गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं ने की शिकायत, प्रिंसिपल गिरफ्तार

Hidden camera installed in washroom: छात्राओं का कहना था कि पहले गठित जांच कमेटी ने प्रिंसिपल को दोषी ठहराया था, फिर दूसरी जांच कमेटी गठित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? उनका आरोप था कि आरोपी प्रिंसिपल को बचाने के लिए यह नई कमेटी बनाई गई थी।

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  • Publish Date - March 13, 2025 / 08:54 PM IST,
    Updated On - March 13, 2025 / 08:54 PM IST

वॉशरूम में लगाया हिडन कैमरा, image soure: crime tak

HIGHLIGHTS
  • छात्राओं ने दर्ज कराई रिपोर्ट, जांच में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
  • लाइब्रेरी के कोने में बुलाकर करता था अनुचित हरकतें
  • कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी

जयपुर: Hidden camera installed in washroom, राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित पॉलिटेक्निक गर्ल्स कॉलेज में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कॉलेज की छात्राओं और महिला स्टाफ ने कॉलेज के प्रिंसिपल सैयद मश्कूर अली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डेढ़ महीने पहले छात्राओं और महिला स्टाफ ने तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव से शिकायत की थी, जिसके बाद प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था। अब छात्राओं के कोर्ट में दर्ज बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

छात्राओं ने दर्ज कराई रिपोर्ट, जांच में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

10 मार्च को प्रताप नगर थाने में पीड़ित छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी तेजस्वनी गौतम ने महिला सब-इंस्पेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। छात्राओं के बयान दर्ज करने के बाद कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।

छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल उन्हें अकेले में बुलाकर छेड़छाड़ करता था और बातचीत करने का दबाव डालता था। कॉलेज परिसर में अनुचित हरकतें करता था। कुछ छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि लाइब्रेरी के वॉशरूम में हिडन कैमरे लगे हुए हैं, जिनकी रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल कर वह छात्राओं को ब्लैकमेल करता था।

पहली जांच कमेटी ने ठहराया दोषी, दूसरी कमेटी पर उठा सवाल

Hidden camera installed in washroom यह मामला पहली बार 3 फरवरी को सामने आया था, जब छात्राओं और महिला स्टाफ ने शिकायत की थी, जिसके बाद प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था। हाल ही में जब नई जांच कमेटी मामले की जांच के लिए कॉलेज पहुंची, तो छात्राओं ने कॉलेज में प्रदर्शन किया और सड़क पर उतरकर विरोध जताया।

छात्राओं का कहना था कि पहले गठित जांच कमेटी ने प्रिंसिपल को दोषी ठहराया था, फिर दूसरी जांच कमेटी गठित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? उनका आरोप था कि आरोपी प्रिंसिपल को बचाने के लिए यह नई कमेटी बनाई गई थी।

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कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी

10 मार्च को दूसरी जांच कमेटी के कॉलेज में पहुंचने के दौरान छात्राओं ने हंगामा किया और पुलिस को बुलाया गया। इसके बाद छात्राओं ने प्रताप नगर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज किए गए, जिसमें छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ गंभीर आरोप दोहराए। पुलिस ने इन बयानों के आधार पर आरोपी प्रिंसिपल सैयद मश्कूर अली को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, अब तक पुलिस को कोई हिडन कैमरा या रिकॉर्डिंग नहीं मिली है। अगर जांच में ऐसे सबूत सामने आते हैं, तो पुलिस आईटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ सकती है।

लाइब्रेरी के कोने में बुलाकर करता था अनुचित हरकतें

छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन प्रिंसिपल ने अपनी कुर्सी एक ऐसे कोने में रखी थी, जो कैमरों की निगरानी से बाहर था। वह छात्राओं को अलग-अलग बहानों से वहां बुलाकर अनुचित हरकतें करता था।

इसके अलावा, कुछ छात्राओं ने यह भी बताया कि वह बड़े अधिकारियों और नेताओं से मिलवाने का झांसा देकर छात्राओं को अपनी गाड़ी में बैठाता था और फिर रास्ते में अनुचित हरकतें करता था। साथ ही, वह छात्राओं को आपत्तिजनक मैसेज भी भेजता था। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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प्रिंसिपल सैयद मश्कूर अली पर क्या आरोप हैं?

छात्राओं और महिला स्टाफ ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करता था, अकेले में बुलाकर अनुचित हरकतें करता था, और बातचीत करने का दबाव डालता था। कुछ छात्राओं ने यह भी दावा किया कि लाइब्रेरी के वॉशरूम में हिडन कैमरे लगे हैं, जिनका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए किया जाता था।

प्रिंसिपल को कब और क्यों निलंबित किया गया था?

3 फरवरी को छात्राओं और महिला स्टाफ की शिकायत के बाद पहली जांच कमेटी ने प्रिंसिपल को दोषी पाया, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

छात्राओं ने दोबारा विरोध प्रदर्शन क्यों किया?

10 मार्च को जब दूसरी जांच कमेटी कॉलेज पहुंची, तो छात्राओं ने आरोप लगाया कि यह कमेटी प्रिंसिपल को बचाने के लिए बनाई गई है। इसलिए, उन्होंने कॉलेज में हंगामा किया और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।

क्या पुलिस को हिडन कैमरों या अन्य सबूत मिले हैं?

अब तक पुलिस को कोई हिडन कैमरा या रिकॉर्डिंग नहीं मिली है। लेकिन अगर जांच में ऐसे सबूत सामने आते हैं, तो पुलिस आईटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ सकती है।