Lucknow Metro: लखनऊ मेट्रो फेज-2 को मिली रफ्तार, चौक से अमीनाबाद तक मेट्रो का सफर जल्द होगा शुरू, जानें पूरी डिटेल

लखनऊ मेट्रो का दूसरा फेज अब और करीब है। 11.165 किलोमीटर लंबा यह नया कॉरिडोर पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरेगा। एरियल सर्वे पूरा हो चुका है और अब बस बजट का इंतजार है। प्रोजेक्ट में 12 नए स्टेशन बनेंगे, जिनमें सात अंडरग्राउंड और पांच एलिवेटेड होंगे।

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  • Publish Date - September 22, 2025 / 06:59 PM IST,
    Updated On - September 22, 2025 / 07:02 PM IST

Image Source: Metro Rail News

HIGHLIGHTS
  • पुराने लखनऊ के लोग अब आसानी से बाकी शहर से जुड़ पाएंगे।
  • फेज-2 का एरियल सर्वे पूरा, अब केवल बजट की मंजूरी बाकी है।
  • स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ।
  • पुराना लखनऊ होगा कनेक्ट, चौक और अमीनाबाद जैसे इलाके भी मेट्रो से जुड़ेंगे।

Lucknow Metro: लखनऊ की तंग गलियों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जल्द ही एक ऐसा बदलाव दस्तक देने वाला है, जो शहर की रफ्तार को नई दिशा देगा। महीनों से बंद दरवाज़ों के पीछे जो चर्चाएं चल रही थीं, अब वो ज़मीन पर उतरने को तैयार हैं। लखनऊ मेट्रो अब एक और बड़े विस्तार की ओर बढ़ रही है। मेट्रो फेज-2 का काम जल्द शुरू होने वाला है और इसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। एरियल सर्वे यानी हवाई सर्वे का काम पूरा हो चुका है, और अब सिर्फ बजट की मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही फंड मिलेगा, निर्माण कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा।

सफर को और आसान बनाएगा ये नया रूट

ये नया मेट्रो रुट मौजूदा नार्थ साउथ के कॉरिडोर के चारबाग़ मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा, जिससे यात्रा और भी सुविधाजनक हो पायेगी। यात्री एक ही स्टेशन पर लाइन बदल पाएंगे, जिससे यात्रियों का समय तो बचेगा ही और इसके साथ उनको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी।

क्यों है ये प्रोजेक्ट स्पेशल?

इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत ₹5801 करोड़ रुपये है। ये कॉरिडोर पुराने लखनऊ जैसे ऐतिहासिक और घनी आबादी वाले इलाकों – चौक, अमीनाबाद और आसपास के क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इन इलाकों में ट्रैफिक और संकरी गलियां निर्माण कार्य को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। यही कारण है कि यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने पहले ही सायल टेस्टिंग (भूमि की जांच) और एरियल सर्वे (हवाई सर्वेक्षण) जैसे जरूरी कदम पूरे कर लिए हैं ताकि भविष्य में निर्माण कार्य तेजी से और सुरक्षित तरीके से किया जा सके।

चुनौतियाँ क्या होंगी?

पुराने लखनऊ के अंदर मेट्रो बनाना आसान नहीं होगा क्योंकि:

  • गलियां बहुत पतली हैं
  • ट्रैफिक हमेशा भारी रहता है
  • जनसंख्या काफी ज्यादा है

इन बातों को ध्यान में रखते हुए UPMRC की टीम ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए खास रणनीति तैयार की है। निर्माण के दौरान लोगों को कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन और रात में काम जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।

क्या बदलेगा फेज-2 से?

इस रूट के शुरू होते ही:

  • पुराने लखनऊ के लोग भी आसानी से बाकी शहर से जुड़ पाएंगे
  • सफर का समय कम होगा
  • प्रदूषण और ट्रैफिक में कमी आएगी
  • इस रूट पर यात्रियों की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है
  • स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा
  • ट्रेनों की संख्या भी पहले से ज्यादा रखी जाएगी

इस फेज के तहत 11.165 किलोमीटर तक एक लंबा मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा। जिसमें दो हिस्से होंगे:

4.286 किलोमीटर एलिवेटेड (ऊपरी सतह पर)

6.879 किलोमीटर अंडरग्राउंड (भूमिगत)

कितने स्टेशन बनेंगे और कहां से जुड़ेगा ये रूट?

इस पूरे रूट पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से:

7 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे यानी जमीन के नीचे

5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे यानी पुल की तरह ऊपर

 

UPMRC के जॉइंट जनरल मैनेजर पंचानन मिश्रा ने जानकारी दी कि जैसे ही सरकार से बजट की मंजूरी मिलती है, निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

 

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लखनऊ मेट्रो फेज-2 कब शुरू होगा?

एरियल सर्वे पूरा हो चुका है और अब बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

फेज-2 में कितने स्टेशन बनेंगे?

इस रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड होंगे।

क्या पुराने लखनऊ की गलियों में मेट्रो बनाना संभव है?

हां, हालांकि यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन UPMRC ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष रणनीति बनाई है।