Pendra News: अमित जोगी ने खत्म किया धरना, जिस कानून को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बनाया..वही कानून बना उनकी ही प्रतिमा लगाने में रोड़ा..जानें पूरी खबर

Pendra News: आपको बता दें कि कल से चल रहे इस घटनाक्रम का पटाक्षेप आज अमित जोगी और प्रशासन के बीच बनी सहमति के साथ हुआ। जिसके बाद कल से जारी अमित जोगी का धरना खत्म हुआ और अमित जोगी घर के लिए रवाना हुए।

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  • Publish Date - May 27, 2025 / 07:29 PM IST,
    Updated On - May 27, 2025 / 07:35 PM IST

Pendra News, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • प्रतिमा और प्रतिमा स्थल दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की
  • कल से जारी अमित जोगी का धरना खत्म
  • अमित जोगी और प्रशासन के बीच बनी सहमति

पेंड्रा: Pendra News छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने का विवाद आखिरकार आगामी प्रशासनिक निराकरण तक शांत हो गया है। फिलहाल अंतिम निर्णय तक प्रतिमा स्थल पर ही फिलहाल चबूतरे के नीचे ही अजीत जोगी की प्रतिमा को रख दिया गया है। और अब प्रतिमा और प्रतिमा स्थल दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इसी के साथ ही कल से जारी अमित जोगी का धरना खत्म हो गया है। मजेदार बात यह है कि जिस कानून को मुख्यमंत्री रहते हुए अजीत जोगी ने बनाया था, वही कानून अब उनकी ही प्रतिमा लगाने में रोड़ा बन गया है।

आपको बता दें कि कल से चल रहे इस घटनाक्रम का पटाक्षेप आज अमित जोगी और प्रशासन के बीच बनी सहमति के साथ हुआ। जिसके बाद कल से जारी अमित जोगी का धरना खत्म हुआ और अमित जोगी घर के लिए रवाना हुए।

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Pendra News अजीत जोगी की प्रतिमा को नहीं लगने देने के पीछे एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि जिस कानून को अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2003 में 28 फरवरी को छत्तीसगढ़ में लागू किया था, जिसके तहत यह नियम बनाया गया था कि किसकी प्रतिमा कहां लगेगी, कब लगेगी यह शासन प्रशासन तय करेगा और आज अजीत जोगी की जब प्रतिमा उनके मरणोपरांत लगने जा रही थी तो प्रशासन ने आखिरकार इस कानून के तहत प्रतिमा को लगने से रोक दिया, जो कि बाकायदा दोनों पक्षों के बीच हुए सहमति के पत्र में दिखाई दे रहा है।

 

वहीं किन्नरों का दल भी अजीत जोगी की प्रतिमा की स्थापना को लेकर समर्थन देने पहुंचा और अमित जोगी से बिलासपुर लोरमी गौरेला के किन्नरों की टीम ने मुलाकात की। इसके पहले इस प्रतिमा स्थल पर मिशन की जमीन होने की बात भी जोगी परिवार और समर्थकों की ओर से कहीं जा रही थी जिसको लेकर भी प्रशासन की जांच चल रही है ।

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Pendra News वहीं अमित जोगी ने कल जो गौरेला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उसमें सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध लोग दिखाई भी दे रहे हैं, बावजूद इसके 48 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अमित जोगी ने दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने की मांग पुलिस अधिकारियों से किया है।

वहीं प्रतिमा स्थल पर अब आगामी निर्णय तक पुलिस सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई है जबकि अमित जोगी ने स्वर्गीय अजीत जोगी की परसों 29 मई को पुण्यतिथि तक सहानुभूति पूर्वक निर्णय लिए जाने की बात कहते हुए प्रशासन के साथ हुए समझौते को सशर्त स्वीकारने की बात कही है।

सवाल: अजीत जोगी की प्रतिमा को लगाने में क्या बाधा आई?

उत्तर: प्रतिमा लगाने में बाधा उस कानून की वजह से आई जिसे खुद अजीत जोगी ने 2003 में मुख्यमंत्री रहते हुए लागू किया था। इस कानून के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर प्रतिमा लगाने का निर्णय शासन-प्रशासन द्वारा तय किया जाएगा। इसी कानून का हवाला देकर प्रशासन ने प्रतिमा लगाने को फिलहाल रोक दिया।

सवाल: अमित जोगी ने धरना क्यों दिया और क्यों खत्म किया?

उत्तर: अमित जोगी ने प्रशासन द्वारा अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने से रोके जाने के विरोध में धरना शुरू किया था। लेकिन प्रशासन के साथ सहमति बनने के बाद, जिसमें तय हुआ कि प्रतिमा फिलहाल चबूतरे के नीचे रखी जाएगी और सुरक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी होगी, उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।

सवाल: प्रतिमा फिलहाल कहां रखी गई है?

उत्तर: फिलहाल अजीत जोगी की प्रतिमा को चबूतरे के नीचे अस्थायी रूप से रखा गया है। अंतिम निर्णय आने तक प्रतिमा वहीं रहेगी और स्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।