8 tribal bonded laborers were freed by Jan Sahas Sanstha
बैतूल। जिले के ग्रामीण अंचल में रहने वाले 8 आदिवासी बंधुआ मजदूरों को जन साहस संस्था द्वारा पुलिस विभाग, श्रम विभाग, महिला बाल विकास विभाग और स्टाफ वन सेंटर की मदद से महाराष्ट्र प्रदेश से छुड़ाकर लाए जाने का मामला सामने आया है। छुड़ाए गए मजदूरों ने ठेकेदार पर गाली गलौच कर मारपीट करने और बीते दो माह से बिना राशन दिए फ्री में काम करवाने का आरोप लगाया है। इन मजदूरों में 4 महिला 4 पुरुष और तीन बच्चे भी शामिल है। ये सभी भीमपुर ब्लाक के देसली और आमढाणा गांव के रहने वाले है।
सभी लोगों को जन साहस संस्था ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश करने के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल करवाने लाया गया है। मेडिकल होने के बाद इन सभी को इनके गृहग्राम छोड़ा जायेगा, वहीं इनकी बकाया मजदूरी श्रम विभाग के द्वारा कार्यवाही कर दिलवाए जाने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है की इन सभी मजदूरों को महाराष्ट्र प्रदेश के कोल्हापुर जिले के शेलोली ग्राम के रहने वाले कृष्णा निकाड़े और कुलदीप कोटकर ने भीमपुर ब्लाक के बाटला खुर्द निवासी एजेंट मोतीलाल जामुनाकर के जरिए बीते वर्ष 10 अक्तूबर को गन्ना कटाई के लिए कोल्हापुर जिले के वेंगलूर गांव 20-20 हजार रुपए एडवांस लेकर गए थे, लेकिन ली गई एडवांस राशि से ज्यादा का काम करवाने बाद ठेकेदार द्वारा सभी को बिना मजदूरी दिए दूसरे ठेकेदार के हवाले कर दिया गया।
उक्त ठेकेदार ने भी ना तो इनको कुछ राशन दिया और बिना मजदूरी दिए इन सभी से दो महीने तक बंधुआ बनाकर मजदूरी करवाई और मारपीट भी की। इन लोगो ने अपने गांव से राशन लाकर अपना गुजारा किया ठेकेदार द्वारा नहीं छोड़े जाने से परेशान मजदूरों ने जन साहस के हेल्प लाइन नंबर पर अपनी रिहाई के लिए काल किया, जिसके बाद संयुक्त रूप से आई टीम ने इन सभी को मुक्त करवाया। ठेकेदार की ज़्यादती इतनी बाद गई थी की अनर्ह रेस्क्यू टीम के सामने भी इनसे अभद्र गालियां देकर मारपीट की। इन्होंने बतलाया की दोनों ठेकेदार पर इनका तकरीबन 3 लाख 50 हजार रुपया मजदूरी का बकाया है।
जन साहस संस्था के सदस्यों का कहना है की उन्हे हेल्प लाइन नंबर पर आई शिकायत के बाद इन सभी के बंधुआ बनाकर मजदूरी करवाने का पता चला, जिसके बाद कलेक्टर और एसपी से इनके परिजनों के साथ मिलकर आवेदन देकर जल्द इनको मुक्त करवाने की मांग की। इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन एक से डेढ़ माह का समय लग गया।
जिला कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस, महिला बाल विकास विभाग, श्रम विभाग और हमारी संस्था जन साहस व स्टाप वन सेंटर के सदस्यो की एक टीम बनाकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर भेजी जहां कोल्हापुर के DM और पुलिस के अधिकारियों को सारी स्थिति से अवगत कराया गया साथ ही स्थानीय लोगो से मदद भी ली गई इन सभी को मुक्त करवाने की अपील की ठेकेदार इनको छोड़ने के लिए तैयार नहीं था जब इन लोगो को वहां के थाने लाया गया तो वहां पर भी ठेकेदार द्वारा मजदूरों के साथ मारपीट की गई। सभी को मुक्त करवाया गया है मेडिकल के बाद इन्हें इनके गांव भेजा जायेगा और उनकी बकाया मजदूरी दिलवाने के लिए श्रम विभाग की ओर से एक केस डलवाकर कोल्हापुर के डीएम से बात की जाएगी।