Eid in Bhind: धार्मिक स्वतंत्रता की प्रशासन ने उड़ाई धज्जियां..! कंस्ट्रक्शन का बहाना देकर ईद की नमाज पढ़ने से रोका, मचा हड़कंप

Eid in Bhind: धार्मिक स्वतंत्रता की प्रशासन ने उड़ाई धज्जियां..! कंस्ट्रक्शन का बहाना देकर ईद की नमाज पढ़ने से रोका, मचा हड़कंप

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  • Publish Date - March 31, 2025 / 06:28 PM IST,
    Updated On - March 31, 2025 / 06:32 PM IST

Eid in Bhind| Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • प्रशासन ने ईद की नमाज पढ़ने से रोका
  • कंट्रक्शन का बहाना देकर प्रशासन ने धार्मिक स्वतंत्रता की उड़ाई धज्जियां
  • प्रशासन ने आपसी विवाद के चलते दिया था आदेश

विनोद बाबू अर्गल, भिंड। Eid in Bhind: भिंड रमजान का पवित्र महीना विदा हो चुका है। लोग ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाने व एक दूसरे के गले मिलने को बेचैन हैं। लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे हैं, लेकिन गोहद नगर में इस बार ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला। यहां बरसों से ईद की नमाज अदा होने के बाद भी प्रशासन ने कुछ वक्फ कमेटियों के दबाव में आकर ईद-उल-फितर की नमाज गोहद की जामा मस्जिद में पढ़ने से रोक दिया।

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जानकारी के अनुसार, पिछले कई वर्षों से जामा मस्जिद गोहद में ईद उल फितर एवं ईद उल अजहा की नवाज तय वक्त पर अदा की जाती थी, परंतु इस बार इस मस्जिद की वक्फ कमेटी ने नमाजियों से मस्जिद में बोल दिया कि ‘ईद की नमाज यहां नहीं होगी। ईद की नमाज सारे लोग ईदगाह में पढ़ें।’ लेकिन, ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष व पेश इमाम हसमत अली के पीछे कई लोग नमाज नहीं पढ़ते, इस कारण उन्होंने 27 मार्च 2025 को जामा मस्जिद में नमाज की व्यवस्था करने का आदेश एसडीएम से पुलिस के लिए करा लिया।

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आदेश में वहां तहसीलदार को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। परंतु वहां की वक्फ कमेटी के अध्यक्ष व ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष ने इस बात का ईगो बना लिया की हम नमाजियों की नमाज ईदगाह में ही पढ़-पढ़वाकर रहेंगे। इसके लिए इन्होंने राजनीतिक दबाव के चलते, एसडीम व कलेक्टर पर दबाव बनाकर लोगों को नमाज एवं ईद की खुशियों से वंचित करवा दिया।

एसडीम ने नमाजियों को रोका

बता दें कि, SDM पराग जैन, SDOP सौरव कुमार, थाना प्रभारी मनीष धाकड़, तहसीलदार विश्राम शाक्य, मय दलबल के मस्जिद के दरवाजे पर नमाजियों को रोकने के लिए खड़े हो गए और वहां कंस्ट्रक्शन चलने का बहाना लेने लगे। जबकि सुबह 5:40 पर इसी मस्जिद में फजर की नमाज 45 नमाजियों द्वारा पढ़ी गई, लेकिन एसडीम ने इसकी परवाह न करते हुए स्वयं मस्जिद के गेट पर खड़े होकर नमाजियों को रोका।

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आपसी विवाद के चलते दिया आदेश

SDM पराग जैन ने कहा कि, इन लोगों का आपसी विवाद है। आपसी विवाद के चलते हम लोगों ने आदेश दिया था। उनके सामने हमने बोल भी दिया था कि, विवाद के चलते यहां नमाज अदा नहीं हो सकती। नवाज अदा ईदगाह वाली मस्जिद में की जाएगी। यहां पर कोई विवाद ना पड़े इसलिए प्रशासन ने रोका है। तो वहीं, SDOP सौरव कुमार ने कहा कि, प्रशासन की तरफ से हमको जो आदेश हुआ है उसे कम पालन करेंगे।

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क्या कहता है संविधान?

हमारे देश में संविधान में इतनी खूबसूरत व्यवस्था है कि किसी को भी धार्मिक स्थल, पूजा स्थल, मस्जिद आदि में किसी को भी पूजा करने नमाज पढ़ने से वहां का पुजारी, पेश इमाम, कोई कमेटी रोक नहीं लगा सकती। परंतु यहां संविधान के पालन कराने वालों ने ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी को अपने पैरों तले कुचल दिया।

भिंड जामा मस्जिद में नमाज क्यों नहीं पढ़ने दी गई?

भिंड जामा मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ने से रोकने का कारण प्रशासन ने मस्जिद के आसपास निर्माण कार्य बताया जा रहा है।

क्या यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है?

कई लोगों का मानना है कि प्रशासन का यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है, क्योंकि हर साल यहां ईद की नमाज अदा की जाती रही है और इस बार इसे रोका गया।

क्या प्रशासन ने ईद की नमाज रोकने का सही कारण बताया?

प्रशासन ने नमाज रोकने के पीछे की वजह आपसी विवाद और कंस्ट्रक्शन को बताया है।