Reported By: Naveen Singh
,Bhopal News/Image Source: IBC24
भोपाल : Bhopal News: मध्यप्रदेश में हो रहे सरकारी निर्माण देशभर की सुर्खियों में हैं, खासकर 90 डिग्री एंगल वाले ओवरब्रिज और मेट्रो के ठिगने स्टेशन की तस्वीरों के बाद। ताजा मामला भोपाल नगर निगम की कंपोजिट बिल्डिंग का है, जहां कंस्ट्रक्शन एजेंसी ने 8 मंजिला भव्य इमारत में नगर परिषद की बैठक के लिए हॉल बनाना ही भूल गया। जाहिर है, अब इस नमूने को लेकर सियासत भी गरमा गई है।
ये हैं नगर निगम की कंपोजिट बिल्डिंग की तस्वीरें। कंपोजिट का मतलब है कि एक ही इमारत में नगर निगम से संबंधित हर काम हो सके। इस बिल्डिंग का मकसद था कि शहर के लोगों को इधर-उधर भटकना न पड़े। लेकिन कंस्ट्रक्शन में भारी चूक हुई। बिल्डिंग तो 8 मंजिला बन गई, अफसरों के एसी केबिन भी तैयार हो गए लेकिन उस परिषद हॉल का निर्माण नहीं हुआ, जो नगर निगम की बैठक और शहर की तकदीर तय करता है। दरअसल कंपोजिट बिल्डिंग का टेंडर 2020 में 22 करोड़ रुपए में हुआ था। काम 2022 में शुरू हुआ और अब इसकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। बड़ी लापरवाही के खुलासे के बाद नगर निगम ने नए परिषद हॉल के लिए कलेक्टर से अतिरिक्त एक चौथाई जमीन की मांग की है।
▶️बिल्डिंग में परिषद का बैठक हॉल बनाना भूला निगम
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— IBC24 News (@IBC24News) November 17, 2025
Bhopal News: अफसर खुद कनफ्यूज़ हैं कि मीडिया को क्या बताएं। नगर निगम के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर प्रशांत मालवीय ने कहा कि यह कोई चूक नहीं है, बावजूद इसके कलेक्टर से एक चौथाई जमीन की मांग जरूर की गई है। इतना ही नहीं 8 मंजिला इमारत के ठीक सामने लगभग 40 फीट ऊँचे सोलर पैनल पर भी विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम के पार्षदों का कहना है कि सोलर पैनल की वजह से बिल्डिंग की खूबसूरती पर असर पड़ रहा है। जाहिर है, नगर निगम के इस निर्माण को लेकर सियासत भी गरमा गई है। फिलहाल मध्यप्रदेश के सरकारी निर्माणों पर सवाल खड़े हो रहे हैं और इस पर जोरदार सियासत भी देखने को मिल रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक के बाद एक हो रही गलतियों का जिम्मेदार कौन है।