Face To Face MP/ Image Credit: IBC24
भोपाल। Face To Face MP: वक्फ बोर्ड को लेकर कुछ महीनों से लगातार देश में विवाद जारी है..खासकर जब से इसे लेकर केंद्र ने नया बिल लाने की तैयारी की है । वक्फ की संपत्तियों का सर्वे संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हो रहा है पर मध्यप्रदेस में विधायक आरिफ मसूद ने इस पर आपत्ति जताते हुए जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखा है। जाहिर है। इससे सियासी गर्मी और बढ़ने वाली है । मध्यप्रदेश की सियासत में इस पत्र ने अभी से जुबानी जंग शुरू कर दी है।
दरअसल,वक्फ बोर्ड की बेशुमार संपत्तियों पर हो रहे विवाद की वजह उस प्रॉपर्टी के मालिकाना हक की लड़ाई और अवैध कब्जे भी हैं। खैर, वक्फ बोर्ड की बेशुमार संपत्तियों का वेरिफिकेशन शुरु हो चुका है। धीरे-धीरे ये तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर कब्जा किन लोगों का है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर मध्यप्रदेश में जुबानी जंग छिडी है। इसकी वजह है बोर्ड की जमीनों के सर्वे का आदेश जिस पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने ऐतराज़ जताया है। वक्फ बोर्ड के सर्वे के तरीकों पर आरिफ मसूद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला,जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को खत लिखा है। खत में मसूद ने 3 आपत्तियां दर्ज कराईं हैं।
जिनमें पहली आपत्ति- राजस्व गजट 1983 से 1989 प्रकाशित होने के बाद मध्य प्रदेश में मिसल बंदोबस्त हुआ था जिस कारण सर्वे के दौरान राजस्व एंट्री मिलान में दिक्कत होगी। दूसरी आपत्ति – जेपीसी द्वारा मांगी गई जानकारी में मध्यप्रदेश राज्य पत्र में दर्ज संपत्तियों में मुजाविरों के नाम दर्ज हैं, या उक्त भूमिया शासकीय नामों के दर्ज हैं या अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज है, स्पष्ट नहीं है। तीसरी आपत्ति- वक्फ की जमीनों का सर्वे आसान नहीं है. क्योंकि वक्फ कृषि भूमि दरगाहों से कब्रिस्तान के लिए लगी हुई हैं, उन पर लोग अवैध कब्जा करके कृषि कर रहे हैं। इन आपत्तियों के बाद आरिफ मसूद ने मुस्लिम संस्थानों से अपील भी की है कि अपने अपने जिले में कलेक्टर को आपत्ति दर्ज करवाएं। उधर मुस्लिम स्कॉलर भी ये दावा कर रहे हैं कि वक्फ बोर्ड की बेश्कीमती जमीनों पर बीजेपी सरकार की नीयत ठीक नहीं है।
Face To Face MP: फिलहाल जेपीसी के निर्देश पर मध्यप्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे शुरु हो चुका है। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की 14,986 संपत्तियों की जानकारी भी सामने आ चुकी है। भौतिक सत्यापन के दौरान ये भी जानकारी मिली है कि कि बोर्ड की 90 फीसदी जमीनों पर कब्जा है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के ऐतराज़ पर बीजेपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर सियासी विरोध से इतर कई सवाल भी हैं। मसलन आखिर कांग्रेस विधायक का विरोध किस बात का है। क्या वक्फ की जमीनों से अवैध कब्जे नहीं हटने चाहिए। क्या कौम को उसका हक नहीं मिलना चाहिए। सवाल ये भी कि क्या प्रक्रियाओं के पालन को भी हर बार सियासी चश्मे से देखा जाना उचित है।