Outsourced Employees Protest | Source : File Photo
भोपाल। Outsourced Employees Protest : मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले आउटसोर्स कर्मचारियों ने मोहन सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। प्रदेश के हजारों आउटसोर्स कर्मचारी भोपाल में प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। आज ग्राम पंचायत चौकीदार, पंप ऑपरेटर, प्यून और सफाईकर्मी आंदोलन कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारी न्यूनतम वेतन और कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
हड़ताल पर बैठे आउटसोर्स कर्मचारी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारी के साथ कर अन्याय रही है। विधानसभा में पहले भी सवाल उठाए गए पर सरकार ने नजरअंदाज किया। इस बार फिर से हम अपनी मांगों को विधानसभा तक पहुंचाएंगे। कल महिला दिवस पर चतुर्थ श्रेणी को महिलाओं ने जब महापौर से न्यूनतम वेतन की मांग की तो उन्हें अनसुना किया गया। हर घर जल पहुंचाने की बात सरकार करती वो जल घर घर तक हम ले जाते और हमारे साथ ही अन्याय हो रहा। अन्य प्रदेशों में आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ न्याय हो रहा पर मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी आंखे बंद कर ली है।
उन्होंने कहा कि शासकीय विभागों में लाखों की संख्या में आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी काम करते हैं। स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय निकाय सहकारिता विभाग सहित सभी विभागों में तुतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी काम करते हैं। जो समाज के गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं।
आउटसोर्स प्रथा में इनके साथ हर स्तर परअन्याय हो रहा है। इसीलिए इन कर्मचारियों के भविष्य को सरक्षित करने के लिए जरूरी है कि लघु कैडर बनाकर इनका विभागों में संविलियन किया जाए, जिससे इनके परिवारों में भी आर्थिक खुशहाली आए। उप्र की सरकार ऐसा कर चकी है। वहां न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18,000 रुपए तक किया जा चुका है, इसीलिए मप्र में भी इसे लागू किया जाना चाहिए।