Face To Face Madhya Pradesh| Photo Credit: IBC24
Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। रविवार की रात को जब पूरा देश क्रिकेट में भारत की जीत के जश्न में डूबा हुआ था तो मध्यप्रदेश का महू शहर सांप्रदायिक फसाद की आग में झुलस रहा था। यहां ऐसा क्या हुआ कि जीत के जश्न के बीच साजिश की चिंगारी बरसने लगी, ऐसा क्या हुआ कि देखते ही देखते एक हिंसक भीड़ सब कुछ तहस-नहस करने पर आमादा हो गई। क्या ये जोश में होश खो देने का मामला है या फिर गहरे षड्यंत्र के सूत्र इसमें छिपे हुए हैं?
दुबई में टीम इंडिया बनी क्रिकेट की चैंपियन और जश्न में डूबा देश, लेकिन इंदौर से महज कुछ किलोमीटर दूर महू की तस्वीरें इसके बिल्कुल उलट है। सड़कों पर पड़े पत्थर, जलती गाड़ियां, तोड़फोड़ करती भीड़, आग में तब्दील दुकानें और लोगों का हुजूम, महू जश्न की तस्वीरें बदलने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। फिर वहीं सरकारी ढर्रा… अतिरिक्त पुलिस को बुलाया गया। क्विट रिएक्शन टीम तैनात की गई, इलाके को सील किया गया। विधायक, डीआईजी और कलेक्टर का दौरा, लेकिन क्या ये सब जनता के दिल में सुलग रही उस आग को खत्म कर पाया जो उनके सीने में है।
महू में नफरत भरा ये मॉड्यूल रात को 12.30 बजे तक चलता रहा। दोनों तरफ से शहर के अलग-अलग इलाकों जमकर पथराव किया गया। जाहिर है इन हालात के लिए सवाल सिर्फ पुलिस-प्रशासन पर ही उठते हैं। क्या उनका सूचना तंत्र पूरी तरह फेल था, क्या उन्हें पहले से बाइकसवारों को नहीं रोकना था, क्या पुलिस को तत्काल सख्त कार्रवाई नहीं करना थी? हालात काबू में करने में 2 घंटे का वक्त क्यों लगाय़ क्या पुलिस को लोगों के गुस्से का अहसास नहीं हुआ? अब फिर वहीं होगा, कुछ आरोपियों की पहचान होगी फिर गिरफ्तार तो कुछ को जिलाबदर किया जाएगा
महू की घटना के बाद भला सियासी दांवपेंच कैसे रुक सकते हैं। कांग्रेस ने जहां पूरी तरह से सरकार को कटघरे में खड़ा किया बीजेपी ने भी जवाब देने में देर नहीं की। ऐसे में जब होली करीब हो और उसी दिन जुमे की नमाज तो पुलिस के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतना जरुरी है, लेकिन पुलिस का रवैया किसी भी तरीके से इस तरह का नहीं दिखाई देता। स्थानीय पुलिस के रुख को लेकर इंदौर से भोपाल तक दबी जबान में नाखुशी भी जाहिर की जा रही है और माना जा रहा है कि इसका असर अगले कुछ दिनों में दिख सकता है ।