Chhatarpur News: इस गांव में नहीं है एक भी मुस्लिम परिवार, फिर भी 1100 जन्म प्रमाण-पत्र बनाए गए, अब पंचायत ने उठाया बड़ा ये कदम

Chhatarpur News: इस गांव में नहीं है एक भी मुस्लिम परिवार, फिर भी 1100 जन्म प्रमाण-पत्र बनाए गए, अब पंचायत ने उठाया बड़ा ये कदम

Chhatarpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • महतौल सचिव पर बड़ा आरोप
  • 1100 फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र जारी
  • सचिव पर फर्जीवाड़े का आरोप

छतरपुर: Chhatarpur News:  छतरपुर जिले की जिला पंचायत ने 1,100 जन्म प्रमाण-पत्रों की जांच के आदेश दिए हैं। मामला तब सामने आया जब नौगांव जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत महतौल के सचिव प्रेमचंद्र रैकवार द्वारा ऐसे जन्म प्रमाण-पत्र बनाए जाने की बात सामने आई जिसमें मुस्लिम परिवार का उल्लेख था जबकि उस गाँव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है।

1100 फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र जारी (Chhatarpur birth certificate news)

जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि महतौल गांव में एक भी मुसलमान न होने के बावजूद इंदौर के एक मुसलमान के बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र जारी किया गया। प्रारंभिक आशंका है कि इसी तरह रोहिंग्या मुसलमानों के भी प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं जिसकी पुष्टि जांच के बाद होगी। महतौल के सचिव ने नियमों की अवहेलना करते हुए पिछले डेढ़ साल में लगभग साढ़े 1,100 जन्म प्रमाण-पत्र जारी किए। उदाहरण के लिए, इंदौर के गीतानगर निवासी अंजुम खान का जन्म 11 फरवरी 2008 को हुआ था,लेकिन उसका जन्म प्रमाण-पत्र 24 सितंबर 2025 को जारी किया गया।

सचिव पर फर्जीवाड़े का आरोप (Chhatarpur certificate fraud)

Chhatarpur News:  नियमों के अनुसार, जन्म से एक साल बाद किसी का जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए तहसीलदार का आदेश आवश्यक होता है। इस पर जिला पंचायत के सीईओ ने नौगांव के जनपद पंचायत सीईओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल को मामले की जांच के आदेश दिए। जांच की गंभीरता को देखते हुए महतौल के सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उनकी आईडी से पिछले डेढ़ साल में बने सभी जन्म प्रमाण-पत्रों की पड़ताल के आदेश भी जारी किए गए हैं।

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छतरपुर में जन्म प्रमाण-पत्र जांच क्यों शुरू की गई?

छतरपुर जिले की जिला पंचायत ने महतौल गांव में 1,100 जन्म प्रमाण-पत्रों में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं, क्योंकि कुछ प्रमाण-पत्रों में मुस्लिम परिवार का उल्लेख किया गया जबकि गाँव में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है।

जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने में नियमों का उल्लंघन कैसे हुआ?

महत्वपूर्ण नियम यह है कि जन्म से एक साल बाद किसी का जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए तहसीलदार का आदेश आवश्यक होता है। लेकिन महतौल के सचिव ने पिछले डेढ़ साल में बिना अनुमति के कई प्रमाण-पत्र जारी किए।

छतरपुर प्रशासन ने मामले में क्या कार्रवाई की?

जिला पंचायत ने जांच दल बनाया और महतौल के सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को तत्काल निलंबित कर दिया। साथ ही उनकी आईडी से पिछले डेढ़ साल में जारी सभी प्रमाण-पत्रों की पड़ताल के आदेश दिए गए।