जीत की जश्न के बीच कांग्रेस को सता रही चिंता, यही हाल रहा तो क्या होगा विधानसभा चुनाव में?

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  • Publish Date - July 23, 2022 / 02:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

Congress is worried : भोपाल– नगरीय निगम चुनाव में एक ओर कांग्रेस पार्टी निगमों में महापौर की जीत की खुशी है तो वहीं दूसरी ओर समस्त वार्डों में जीते हुए कम पार्षदों ने पार्टी की चिंता बडा दी है।कांग्रेस पार्टी को इस बात ने चिंतन करने पर मजबूर कर दिया है। कहीं तो कांग्रेस विधायकों ने अपने ही क्षेत्र में जोर नहीं लगाया इसलिए दूसरी पार्टी बाजी मारती हुई नजर आई। अगर हम देखे तो जबलपुर रीवा ग्वालीयर मुरैना छिंदवाडा में कांग्रेस के महापौर जीते है। तो वहीं दूसरी ओर पार्षदों की संख्या कांग्रेस के अतिरिक्त दूसरी पार्टी की ज्यादा है। जीत के जश्न के साथ पार्टी में चिंता साफ देखी जा रही है। वहीं यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर कमी कहा रह गई। वहीं अगर आगें कांग्रेस को सत्ता में वापिस आना है तो पार्टी को इन बातों को ध्यान में रखते हुए मंथन करना चाहिए।

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जबलपुर में कांग्रेस महापौर की जीत,लेकिन पार्षद कम

Congress is worried : वहीं अगर जबलपुर नगर निगम की बात करें तो शहर में चार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की संख्या सिर्फ 26 पर ही सिमट कर रह गई जोकि पिछली नगर निगम चुनाव से भी कम है। यदि विधानसभा पर एक नजर डालें तो जहां कांग्रेस के 03 विधायक है उन्ही के क्षेत्र में कांग्रेस पिछड़ती नजर आई है। वर्तमान में महापौर चुनाव जीनते वाले कांग्रेस के जगतबहादुर सिंह को शानदार लीड पूर्व विधानसभा से मिली तो वहीं कांग्रेस की पार्षदों की संख्या पिछड़ गई। वहीं पाषदों के मामले में भाजपा आगें रही। कांग्रेस का मानना है कि उनका खेन भाजपा के अतिरिक्त दूसरी पार्टी ने बिगाड़ा है।

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एआईएमआईएम की प्रदेश में दस्तक

Congress is worried : एआईएमआईएम की दस्तक को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोडकर देखा जा रहा है। वहीं राजनीति जानकारों की माने तो यदि अगले साल विधानसभा चुनाव में पूर्व विधानसभा से औवेसी पार्टी के प्रत्याशी चनावी रणभूमी में उतर गए तो कांग्रेस की राह आसान नहीं होगीं। वैसे भी नगर निगम चुनावों को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है।

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देश की दोनों बड़ी पार्टी तैयारियों में जुटी

Congress is worried : नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनवों के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गए है। इस लिहाज से नगर निगम चुनावों के नतीजे काफी महत्वपूर्ण हो जाते है। वहीं दोनों ही पार्टी अपने-अपने बयानों से अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही है। नतीजों के बाद कांग्रेस-भाजपा आपस में एक दूसरे का आईना दिखाने का काम कर रही। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी जनता को अपनी ओर आकर्षित करती है।

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