MP Viral Video: कीचड़ में दंडवत यात्रा करते दिखे कांग्रेस नेता, इस मांग को लेकर गौमाता को सौंपा ज्ञापन

कीचड़ में दंडवत यात्रा करते दिखे कांग्रेस नेता, Congress leader seen doing Dandavat Yatra in mud, submitted memorandum to Gau Mata

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  • Publish Date - July 22, 2025 / 09:08 PM IST,
    Updated On - July 23, 2025 / 12:05 AM IST
HIGHLIGHTS
  • कांग्रेस नेता अनिल तिवारी ने कीचड़ में दंडवत यात्रा कर प्रशासन को जगाने की कोशिश की।
  • प्रदर्शन के अंत में गौमाता को ज्ञापन सौंपा, जो प्रतीकात्मक विरोध का हिस्सा था।
  • प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, स्थानीय जनता ने सराहा तो कुछ ने व्यंग्य भी किया।

पन्नाः MP Viral Video: मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बदहाल सड़कों को लेकर कांग्रेस नेता अनिल तिवारी ने अनोखा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कीचड़ भरी सड़कों पर दंडवत यात्रा की, जिसमें वे कीचड़ में लेटते हुए आगे बढ़े। इतना ही नहीं उन्होंने प्रशासन की ओर से कोई नहीं किए जाने पर गौमाता को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उनके समर्थक उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। इस प्रदर्शन ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

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MP Viral Video: दरअसल, बारिश के मौसम में ग्रामीण क्षेत्र के कच्चे मार्ग दलदल बन जाते हैं, जिससे आवाजाही बेहद मुश्किल हो जाती है। अगर ऐसे में यदि किसी की तबीयत बिगड़े या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो तो यह शहर तक पहुंचना असंभव हो जाता है। यही नहीं, कच्चे रास्तों पर 108 एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस या पुलिस की डायल 100 जैसी आपातकालीन सेवाएं भी समय पर पहुंच नहीं पाती हैं। बीमार या गर्भवती महिलाओं को मजबूरन चारपाई या बैलगाड़ी के सहारे पर रखकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। ऐसे में शासन प्रशासन को संदेश देने के लिए कांग्रेस नेता ने कीचड़ भरे रास्तों में दंडवत यात्रा की और प्रशासन के किसी अधिकारी की जगह प्रतीकात्मक रूप से गौमाता को ज्ञापन सौंपा।

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देखें ये वीडियो

दंडवत यात्रा का क्या उद्देश्य था?

खराब सड़कों की ओर शासन का ध्यान खींचना और ग्रामीणों की पीड़ा को उजागर करना।

ज्ञापन गौमाता को क्यों सौंपा गया?

यह प्रशासनिक निष्क्रियता पर व्यंग्य करते हुए प्रतीकात्मक कदम था, क्योंकि कोई अधिकारी सुनवाई के लिए नहीं आया।

प्रदर्शन किस जगह हुआ?

पन्ना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में, जहां सड़कें पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं।

क्या इससे पहले भी ऐसा विरोध हुआ है?

हां, समय-समय पर नेता और सामाजिक कार्यकर्ता इस तरह के प्रतीकात्मक प्रदर्शन करते रहे हैं।

क्या प्रशासन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी?

अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।