PragyaThakur | Photo Credit: IBC24
भोपाल: PragyaThakur पिछले दिनों इंदौर से लक्ष्मण सिंह गड के बेटे एकलभव गड ने कपड़ा दुकानों में मुसलमान सेल्समैन के काम करने पर आपत्ति उठाई और तत्काल उन सेल्समैन को हटा भी दिया गया। कल भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ने बड़ा एक तेजाबी बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह कौम किसी की सगी नहीं हो सकती। यह कभी आपको बहन नहीं मानेगी। यदि यह प्लंबर, मोटर मैकेनिक या गाड़ी साफ करने वाले या फिर बाकी घरेलू काम करने वाले की शक्ल में भी आए तो इनको घर में घुसने मत दो। उन्होंने कहा कि मंदिरों के आसपास यदि ये प्रसाद बेचते हुए दिखे तो इन्हें ठोक दो। सवाल यह उठता है कि हासिए में पड़े हुए वो नेता क्या यह अपनी पार्टी के लिए कर रहे हैं? क्या वो एक तरह का ध्यानाकर्षण अपनी पार्टी, अपने आकाओं को खुश करने के लिए दे रहे हैं?
PragyaThakur भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर अपने बयानों के चलते सियासत में आईं। अक्सर हिंदुओं को एकजुट करने के बहाने वो ऐसे ही तल्ख बयान देती रहती हैं और एक बार फिर उन्होंने विधर्मी शब्द के सहारे मुसलमानों के बॉयकाट का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी घोषणा कर दी कि-अगर कोई विधर्मी प्रसाद बेचते हुए मिले तो उसकी जमकर ठुकाई करो।
प्रज्ञा ठाकुर जहां मुस्लिमों के बॉयकाट से लेकर जिहाद पर जमकर बरसीं, तो कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया और बीजेपी से पूछा कि- भाजपा बताए कि क्या साध्वी प्रज्ञा का बयान पार्टी का अधिकृत बयान है?
कांग्रेस जहां प्रज्ञा के बयान के चलते आग बबूला है, तो बीजेपी नेता हिंदू आस्था का हवाला देते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का समर्थन करती नजर आई।
कुलमिलाकर चाहे साध्वी प्रज्ञा हों या एकलव्य गौड़ दोनों अभी बीजेपी के किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं हैं। लेकिन इंदौर से लेकर भोपाल तक मुस्लिमों के बॉयकाट के अभियान में जुटे हैं और सबकी शब्दावली में जिहाद शब्द है, लेकिन मंसूबा मुस्लिम विरोध का है। क्या ये सब कानूनी तौर पर भड़काऊ नहीं है? लेकिन बड़ा सवाल ये है कि – क्या ये बीजेपी के अधिकृत बयान हैं? और क्या बीजेपी नेताओं की सियासत चमकाने की ये नई रणनीति है? और यदि मुस्लिम कपड़े की दुकान में काम नहीं करेंगे, प्लंबर नहीं होंगे, गाड़ियों का काम नहीं करेंगे तो वो क्या करेंगे? और किसी के लिए भी ऐसा फरमान जारी करने वाली प्रज्ञा ठाकुर कौन होती हैं? क्या इससे सामाजिक ताने-बाने को नुुकसान नहीं पहुंचेगा?