ग्वालियर : Gwalior: News of relief for the prisoners in jail मध्य प्रदेश के ग्वालियर सहित अन्य जिलों में 10 साल से अधिक समय से जेल में बंद गंभीर रूप से बीमार कैदियों के लिए राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शासन से ऐसे सभी कैदियों की जानकारी मांगी है। एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित आर्या ने शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी व राजेश शुक्ला से कहा कि सूची तैयार करने वालों से ईमानदारी से काम करने को कहिएगा, गड़बड़ की तो मुश्किल में पड़ जाएंगे।
Gwalior: News of relief for the prisoners in jail कोर्ट ने कहा सूची मिलने के बाद रजिस्ट्री के माध्यम से कैदियों के केस संबंधित बेंच में लिस्ट कराएंगे और विधि अनुसार उन्हें इलाज के लिए जेल से रिहा किया जाएगा। इस दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा ये मानव अधिकार, निजी स्वतंत्रता व गंभीर चिंता का विषय है। अपराध अपनी जगह है, लेकिन मानवता भी देखना है, ताकि लोग जीवित रह सकें। कानून द्वारा लगाई गई कुछ पाबंदियों के साथ अपराधियों को भी मान-सम्मान से जीवन जीने का अधिकार है।
Gwalior: News of relief for the prisoners in jail दरअसल, कुछ दिन पूर्व एक आरोपी की अपील पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि आरोपी को कीमोथैरेपी दी जा रही है। आरोपी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने जब वीसी के माध्यम से आरोपी को देखा तो पता चला कि उसके गले में राइस ट्यूब डली हुई है। इसके चलते वह सही तरीके से भोजन भी नहीं कर पा रहा। इस पर कोर्ट ने आरोपी को एक साल के लिए रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कैदियों को जेल से छोड़ने पर वे परिजनों की मदद से अच्छी जगह इलाज करा सकेंगे। जेल में एक सीमा तक जाकर ही इलाज दिया जा सकता है, वहीं जेल से बाहर गंभीर बीमारी में परिजन के साथ से भी उन्हें संबल मिलता है।