MP News: उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का विवादित बयान, समाज सुधारक राजा राममोहन राय के लिए कह दी ये बात

Inder Singh Parmar on Raja Rammohan Roy: अपने उद्बोधन में उन्होंने समाज सुधारक माने जाने वाले राजा राममोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताया और कहा कि अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के माध्यम से देश में लोगों की आस्था बदलने की साजिश चला रहा था।

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  • Publish Date - November 15, 2025 / 11:37 PM IST,
    Updated On - November 15, 2025 / 11:42 PM IST
HIGHLIGHTS
  • राजा राममोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताया
  • ‘मिशनरी स्कूलों के जरिए धर्मांतरण का प्रयास’
  • ‘असली आदिवासी नायकों के इतिहास को दबाया गया’

आगर मालवा: Inder Singh Parmar on Raja Rammohan Roy, मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को आगर मालवा में आयोजित बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह में संबोधित करते हुए कई तीखे और विवादित बयान दिए। अपने उद्बोधन में उन्होंने समाज सुधारक माने जाने वाले राजा राममोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताया और कहा कि अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के माध्यम से देश में लोगों की आस्था बदलने की साजिश चला रहा था।

‘मिशनरी स्कूलों के जरिए धर्मांतरण का प्रयास’

इंदर सिंह परमार ने कहा कि उस दौर में अंग्रेजों द्वारा संचालित मिशनरी स्कूल ही शिक्षा का प्रमुख साधन थे, जहां धर्मांतरण की गतिविधियां चलाई जाती थीं। उनके अनुसार अंग्रेजों ने राजा राममोहन राय को “फर्जी समाज सुधारक” के रूप में पेश किया।

‘साजिश के खिलाफ खड़े होने वाले असली वीर थे बिरसा मुंडा’

उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों और मिशनरी गतिविधियों के खिलाफ साहसपूर्वक खड़े होने वाले सच्चे वीर बिरसा मुंडा थे। मंत्री परमार ने दावा किया कि बिरसा मुंडा भी पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन मिशनरी गतिविधियों को समझकर उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आंदोलन में कूद पड़े।

‘असली आदिवासी नायकों के इतिहास को दबाया गया’

इंदर सिंह परमार ने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के वास्तविक इतिहास को दबाया, जबकि जिन लोगों ने “धर्मांतरण की राह आसान की”, उन्हें महान बताया गया।

बिरसा मुंडा जयंती के कार्यक्रम में दिए गए इस बयान को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाने की संभावना है। मंत्री के वक्तव्य पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की प्रतिक्रिया आने की भी उम्मीद है।

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