Big Statement of Pandit Pradeep Mishra : ‘प्रेमानंद जी अगर एक फोन कर देते तो’..! राधारानी पर टिप्पणी करने के बाद कथावाचक प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयान, कहा- ‘काटछाट करके दिखाया वीडियो’

Big Statement of Pandit Pradeep Mishra : वीडियो में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मेरे वीडियो में काटछाट करके दिखाया गया और उसका पूरा अंश नही बताया गया।

Pandit Pradeep Mishra on Akbaruddin Owaisi | Source : IBC24 File Photo

Pandit Pradeep Mishra on Akbaruddin Owaisi | Source : IBC24 File Photo

Big Statement of Pandit Pradeep Mishra  : खंडवा। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा राधारानी पर व्यासपीठ से की गई एक टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वहीं एक दूसरे वायरल वीडियो में संत प्रेमानंद, पंडित मिश्रा की टिप्पणी पर तल्ख लहजे में जवाब देते नजर आ रहा है। दिन दर दिन यह विवाद बढ़ता जा रहा है और पंडित प्रदीप मिश्रा का सोशल मीडिया पर विरोध भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में ओंकारेश्वर में कथा कर रहे पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी टिप्पणी और सोशल मीडिया पर चल रहे गतिरोध को लेकर व्यासपीठ से कुछ बाते कही है। जिसका वीडियो भी उन्ही के नाम वाले इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया है।

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प्रेमानंद जी को लेकर बोले प्रदीप मिश्रा

वीडियो में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मेरे वीडियो में काटछाट करके दिखाया गया और उसका पूरा अंश नही बताया गया। वही इतने विद्वत संत है, प्रेमानंद जी। उनके चरणों को में दंडवत करता हूं। ब्रज में इतने विद्वान संत है, प्रेमानंद जी अगर वो एक फोन कर देते की प्रदीप तुझे आना है तो उनका यह दास दंडवत करता–करता उनके चरणों में पहुंचकर उनसे बात करता रहा। उनके चरणों में मेरे ये प्राण भी न्योछावर है। मैं उनके चरण धोकर अचमन कर के उन्हें प्रणाम करता।

राधारानी को बताया ‘मां’

वहीं राधारानी पर की गई टिप्पणी पर पंडित मिश्रा ने कहा की एक कहा, बात है, अगर राधारानी की तो वह मेरी मां है। व्यास पीठ पर बैठने से पहले बाल्यावस्था में 1999 में जब पहली कथा चालू की थी तब हमारे पास धन नहीं था। दूसरे की दुकान पर काम कर करके 10-10 रुपए जोड़कर राधारानी की परिक्रमा करने जाते थे। वो तो मेरी मां है, उनके चरणों में मेरा शीश जिंदगी भर पड़ा रहेगा और जिस दिन मेरी राधा रानी मुझ को इशारा करकर बुलाएगी कि मेरे चरणों का दास बन जा, यहां बैठकर मेरे दरवाज़े की चाकरी कर, झाड़ू लगाना तो मैं झाड़ू लगाने के लिए तैयार हूं। मैं यह व्यास पीठ छोड़कर मेरी राधारानी के चरणों में बैठ जाऊंगा। और माफी की बात करते हो तो इस राधा रानी के चरणों में मेरा पूरा जीवन और मेरा पूरा परिवार पड़ा है।

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