इंदौर (मध्यप्रदेश), छह जुलाई (भाषा) इंदौर के शासकीय महाराजा तुकोजीराव चिकित्सालय (एमटीएच) में इलाज में लापरवाही के चलते लगातार नवजात बच्चों की मौत का आरोप लगाते हुए जच्चा-बच्चा के तीमारदारों ने बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा किया।
हंगामे के बाद एमटीएच प्रशासन ने पिछले 24 घंटों के भीतर दो नवजात बच्चों की मौत की बात कबूल की और सोशल मीडिया पर फैली इस अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया कि अस्पताल में खराब दूध दिए जाने से हाल के दिनों में 15 बच्चे दम तोड़ चुके हैं।
हंगामा करने वाले लोगों में शामिल कमल जाटव ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी बेटी ने कुछ दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे के मुंह में एक नर्स ने इंजेक्शन के तेज दबाव से दूध डाला जिसके बाद उसकी मौत हो गई।’’
हंगामे के बाद आला अफसरों के साथ मौके पर पहुंचे इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने कहा,‘‘जिस बच्चे की मौत को लेकर मीडिया में चर्चा की जा रही है, वह तय समय से पहले पैदा हुआ था। उसका वजन केवल 1.4 किलोग्राम था और वह गंभीर संक्रमण से जूझ रहा था। हमें दु:ख है कि चिकित्सक अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद उसकी जान नहीं बचा सके।’’
सूबे में एमटीएच की गिनती जच्चा-बच्चा की देखभाल और इलाज करने वाले सबसे बड़े अस्पतालों में होती है।
एमटीएच के नवजात बच्चों की विशेष देखभाल की इकाई (एसएनसीयू) के प्रभारी डॉक्टर सुनील आर्य ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान अस्पताल में दो नवजात बच्चों की मौत हुई है जिनकी हालत पहले से गंभीर थी और उन्हें जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले एक बच्चे की उम्र 17 दिन की थी, जबकि दूसरा बच्चा पांच दिन का था।
आर्य ने सोशल मीडिया पर फैली इस अफवाह को सिरे से खारिज किया कि एमटीएच में खराब दूध दिए जाने से हाल के दिनों में 15 बच्चे दम तोड़ चुके हैं।
सूबे में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच एमटीएच में नवजात बच्चों की मौत के मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
शोभा ओझा, जीतू पटवारी और अन्य कांग्रेस नेता एमटीएच पहुंचे और अस्पताल प्रशासन पर नवजात बच्चों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।
पटवारी ने कहा कि एमटीएच में नवजात बच्चों की लगातार हो रही मौत से पता चलता है कि सूबे में भाजपा के राज में चिकित्सा सेवाओं की बुरी हालत है।
भाषा हर्ष रंजन
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